एमपी के इस गांव में हिंदी नहीं बोलते है लोग, जानें किस भाषा में करते है एक-दूसरे से बात?

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By Raj RathorePublished On: November 28, 2025
Sanskrit Village MP

आज के दौर में जब अंग्रेजी और हिंदी का चलन आम है, तब मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक ऐसा गांव भी है जहां की हवाओं में संस्कृत की मिठास घुली हुई है। इस गांव का नाम झिरी है, जो अपनी अनोखी भाषाई पहचान के कारण पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां के लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में हिंदी या किसी अन्य क्षेत्रीय भाषा की बजाय देवभाषा संस्कृत में संवाद करते हैं।

गांव में सुबह की शुरुआत ‘सुप्रभातम्’ या ‘नमो नमः’ जैसे अभिवादनों से होती है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग, सभी एक-दूसरे से संस्कृत में ही बात करते हैं। दुकानों पर सामान की खरीद-फरोख्त से लेकर घरों की आपसी बातचीत तक, हर जगह संस्कृत के श्लोक और वाक्य सुनाई देते हैं। यह दृश्य किसी प्राचीन गुरुकुल की याद दिलाता है, लेकिन यह आज के आधुनिक भारत की एक जीती-जागती हकीकत है।

कैसे बना ‘संस्कृत ग्राम’?

झिरी गांव हमेशा से ऐसा नहीं था। इस बदलाव की कहानी करीब दो दशक पहले शुरू हुई। बताया जाता है कि संस्कृत भारती नामक संस्था से जुड़ीं एक सामाजिक कार्यकर्ता ने गांव वालों को इस प्राचीन भाषा को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में कुछ परिवारों ने इसे अपनाया, लेकिन धीरे-धीरे उनकी लगन और उत्साह को देखकर पूरा गांव इस मुहिम से जुड़ गया।

गांव के लोगों ने न सिर्फ भाषा सीखी, बल्कि इसे अपनी पहचान बना लिया। गांव की दीवारों पर संस्कृत के श्लोक, सूक्तियां और व्याकरण के सूत्र लिखे हुए हैं, जो यहां आने वालों का ध्यान खींचते हैं। यह माहौल बच्चों को बचपन से ही संस्कृत सीखने और बोलने के लिए प्रेरित करता है।

परंपरा का जीवंत उदाहरण

झिरी गांव केवल भाषाई रूप से ही अनूठा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का एक उत्कृष्ट मॉडल भी पेश करता है। यहां के निवासी अपनी इस पहचान पर गर्व महसूस करते हैं। उनका मानना है कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कार है जो उन्हें अपनी जड़ों से जोड़े रखता है।

यह गांव इस बात का प्रमाण है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो किसी भी भाषा या परंपरा को न केवल जीवित रखा जा सकता है, बल्कि उसे आम जीवन का हिस्सा भी बनाया जा सकता है। झिरी गांव आज देश के अन्य समुदायों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुका है।