दुर्ग: आधुनिक दौर में जहां एक और रासायनिक खेती को छोड़ अब किसान जैविक खेती करने में लगे हैं. वहीं इन खेती से किसान अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं. ऐसे में अगर हम छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की बात करें तो यहां पर अब किसान नई किस्म की फसल पैदा करने में लगे हुए हैं. दरअसल अंजोरा के कृषि विज्ञान केंद्र में रंगीन फूलगोभी एवं ब्रोकली खेती की जा रही है. कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में रंगीन फूलगोभी की खेती पहली बार की गई है जिससे किसान सफल भी हुए हैं और उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी मिल रहा है.
नई तकनीक से उगाई रंगीन गोभी
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही कृषि संवर्धन को लेकर कई तरह की योजना चला रही है. जिससे किसानों को अत्यधिक लाभ मिल सके. इन योजनाओं के तहत कई तकनीकों का इस्तेमाल कर कृषि क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में अब नई तकनीक के तहत रंग बिरंगी गोभी का उत्पादन किया है. इस नई तकनीकी का इस्तेमाल दुर्ग जिले में किया गया है. किसानों के द्वारा किए गए इस नवाचार की अब चारों और सराहना की जा रही है.
15 से 25 डिग्री तक का तापमान जरुरी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंजोरा के पोषण वाटिका में तीन रंगों की गोभियों का उत्पादन किया गया है. सामान्य तौर पर गोभी सफेद रंग की होती है, लेकिन अब रंग बिरंगी गोभी भी खाने को मिलेगी. इस गोभी में सफेद गोभी के मुकाबले अत्यधिक स्वादिष्ट और पौष्टिकता से भरपूर पाई गई है. इसकी खेती के लिए 15 से 25 डिग्री तक का तापमान होना आवश्यक है. रंगीन फूल गोभी को सफेद गोभी के मुकाबले रोपाई से पहले जमीन की जुताई एवं गोगरी खाद का इस्तेमाल करना जरूरी होता है. यह गोभी सफेद गोभी के मुकाबले दोगुना अधिक उत्पन्न होती है.
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गंभीर बीमारियों से बचाती है गोभी
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार रंगीन गोभी में फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है. वहीं यह गोभी शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. इस गोभी से विटामिन एवं सी प्रचुर मात्रा में मिलता है साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी लाभदायक होती है. यह गोभी दिखने में सामान्य गोभी की तरह ही होती है लेकिन इसका स्वाद बहुत ही अलग होता है. इस गोभी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है. पोषक तत्व की मात्रा भी बहुत अधिक होती है. यह वह भी शरीर में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाती है.