केंद्र सरकार की ओर से सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं कि अब सभी योजनाओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) आधारित करते हुए आधार कार्ड से जोड़ दिया जाए. सरकार ने यह कदम विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के डाटा में आ रहे दोहराव को खत्म करने और नकली लाभार्थियों को समाप्त करने के लाभ के विचार से शुरू की है.
कैबिनेट सचिवालय ने पिछले महीने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है. इस मेमोरेंडम में यह जानकारी दी गई है कि सभी लाभार्थी उन्मुख कल्याणकारी योजना में आधार आधारित डीबीटी (DBT) का उपयोग करेंगे. मेमोरेंडम में यह कहा गया है कि मंत्रालयों और विभागों से ये अनुरोध किया जाता है कि वह अपनी सभी योजनाओं कैश और वस्तु दोनों की समीक्षा करें. उसके बाद डीबीटी (DBT) पोर्टल पर नई पहचानी गई योजनाओं को ऑन बोर्ड करें.
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डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में सब्सिडी पहुंचाई जाएगी. इस काम में पारदर्शिता लाने के लिए ही इसे शुरू किया गया है. आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो 53 मंत्रालयों से केंद्र सरकार के 313 योजनाओं और केंद्र की योजनाओं को डीबीटी भारत पोर्टल पर रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह कहा था कि 8 वर्षों में डीबीटी के तहत अब डिजिटल पेमेंट मोड के माध्यम से लाभार्थियों को लगभग 23 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.
कैबिनेट सचिवालय ने अपने आदेश में यह कहा है कि तकनीक के उपयोग के साथ सार्वजनिक सेवा वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए पहचान प्रमाण पत्र के रूप में आधार लाभार्थियों का कॉस्ट इफेक्टिव ऑथेंटिकेशन सुनिश्चित करता है. जिसकी वजह से डाटा में दोहराव हटकर फर्जी लाभार्थी समाप्त हो जाएंगे. आधार का उपयोग फफाइनेंशियल एड्रेस के रूप में भी हो सकता है, क्योंकि 77 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते इससे लिंक हैं.