मध्यप्रदेश में NH 46 पर पुल धंसने के मामले में इंजीनियर सस्पेंड, निर्माण कंपनी ब्लैक लिस्टेड

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राजधानी भोपाल के नजदीक मंडीदीप में नेशनल हाईवे पर बने पुल का एक हिस्सा धंसने की गाज दोषी अफसरों पर गिर गयी है. पुल बनाने वाले इंजीनियर निगम के प्रबंधक एस के दुबे को निलंबित कर दिया गया है. निर्माण कंपनी और कंसलटेंट को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार को आदेश दिया गया है कि वो अपने खर्च पर दोबारा काम कराए. पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा घटना को गंभीरता से लिया गया है. आईआईटी रुड़की के इंजीनियर निर्माण कार्य की जांच कर रिपोर्ट देंगे. भविष्य में ऐसी घटना ना हो, इसकी समीक्षा करेंगे।
मध्य प्रदेश में बारिश भ्रष्टाचार की पोल खोलती हुई नजर आ रही है। ऐसा ही एक मामला मंडीदीप में देखने को मिला. लगातार हो रही बारिश की वजह से कलियासोत नदी पर बने पुल का एक हिस्सा आज धंस गया था। इस मामले में सरकार एक्शन में आई और प्रारंभिक जांच के बाद इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है। निर्माण एजेंसी और कंसलटेंट को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. साथ ही ठेकेदार को खुद के खर्चे पर दोबारा पुल बनाने का आदेश दिया गया है।

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भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हो रही लगातार बारिश की वजह से कई घटिया निर्माण जमींदोज हो रहे हैं। भोपाल मंडीदीप से गुजर रहे नेशनल हाई वे 46 पर कलियासोत नदी पर बने पुल की एप्रोच रोड की रिटेनिंग वॉल सुबह टूट गई. पुल का 40 मीटर का हिस्सा धंस गया. गनीमत रही कि सुबह होने के काऱण उस वक्त पुल पर ट्रैफिक नहीं था. ये सबसे व्यस्त मार्ग है. अगर ये घटना दिन में हुई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

लापरवाही और घटिया निर्माण
इस मामले को कांग्रेस ने खूब जोर शोर से उठाया. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. इस ब्रिज में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. मध्यप्रदेश में इस पुल को लेकर हुई सियासत के बीच सरकार भी एक्शन में आयी. नेशनल हाईवे के क्षेत्रीय अधिकारी के साथ मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया. इस निरीक्षण के दौरान प्राथमिक तौर पर लापरवाही और घटिया निर्माण की बात सामने आयी।

अधिकारियों के निरीक्षण के साथ लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने भी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. तमाम तथ्यों और पहलुओं को देखने के बाद प्रारंभिक तौर पर लापरवाही उजागर होने पर पुल के निर्माण से जुड़े इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया। इसके साथ ही निर्माण एजेंसी और कंसलटेंट को सरकार ने ब्लैक लिस्ट किया। मंत्री गोपाल भार्गव ने विभागीय समीक्षा के बाद निर्देश दिए हैं कि 4 महीने में ठेकेदार को खुद के खर्चे पर फिर निर्माण काम करना होगा. एप्रोच रोड धंसने की वजह से 8 लेन के स्थान पर चार लेन से ट्रैफिक गुजर रहा है।