इंदौर : मध्य प्रदेश के ख्याति प्राप्त शिक्षाविद, विद्वान तथा शोधकर्ता प्रोफेसर राजकमल का शुक्रवार को 71 वर्ष की अवस्था में हृदयाघात के कारण निधन हो गया। वो वर्तमान में (प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग) मैनेजमेंट एंड रिसर्च, इंदौर में प्रोफेसर एमेरिटस (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) विभाग में पिछले कई वर्षों से अपनी सेवांए दे रहे थे
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च संसथान से जुड़ने से पहले, प्रोफेसर राज कमल ने देवी अहिल्या और अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में कार्य किया था। अपने पचास वर्षों के दीर्घ शैक्षणिक अनुभव में प्रो राज कमल ने विज्ञानं के क्षेत्र में अनेकों पुस्तकों का लेखन किया है जिसमें 2019 में बिग डेटा एनालिटिक्स, 2017 में इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 2010 में एंबेडेड सिस्टम, कंप्यूटर आर्किटेक्चर और ऑर्ग 2 ई, 2018 में इंटरनेट जैसी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों की उन्होंने रचनाएं की है।
प्रोफेसर राज कमल ने अपने करियर की शुरुआत से ही शैक्षिक क्षेत्र पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला था। उन्होंने 17 साल की उम्र में अपना एमएससी पूरा किया, 18 साल की उम्र में यूके की एक पत्रिका में अपना पहला शोध पत्र प्रकाशित किया। उन्होंने अपनी पीएचडी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से मात्र 22 साल की अवस्था में पूरी की।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ डेविश जैन, पीईएफ के सीओओ, डॉ अनिल वाजपेयी, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च डायरेक्टर डॉ मनोज कुमार देशपांडे सहित प्रेस्टीज शिक्षण संस्थान के शिक्षकों में छात्रों ने प्रोफेसर राज कमल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से प्रेस्टीज ग्रुप ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश ने वर्तमान समय के अपने सबसे महान शिक्षाविदों में से एक को खो दिया है।
प्रो राज कमल को प्रेस्टीज इंजीनियरिंग संसथान के सभी कर्मचारियों, फैकल्टीज के लिए पिता तुल्य बताते हुए डॉ देशपांडे ने कहा की उनके आकस्मिक निधन से “प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च ने एक महान शिक्षक, अभिभावक और शिक्षाविद को खो दिया है’।