दुनिया में कब किसकी किस्मत बदल जाए किसी को नहीं पता। एक बुजुर्ग की 40 साल की मेहनत रंग ला गई है और वह रातो रात करोड़पति बन गया। इसके बाद उसकी ख़ुशी का टिकना नहीं रहा। पुरे गांव में ख़ुशी का माहौल बन गया था। अब उन्होंने बताया की करोड़पति बनाने के बाद इन रुपयों की किस तरह उपयोग में लेंगे।
बता दें, पंजाब के मोहाली में डेरा बस्सी के पास गांव त्रिवेदी कैंप के रहने वाले महंत द्वारका दास (88 साल) ने पांच करोड़ रुपये की लॉटरी जीती है। इससे उनके घर ही नहीं इलाके में खुशी का माहौल है। लॉटरी में मिलने वाली रकम को द्वारका दास किस तरह खर्च करेंगे, इस बारे में उन्होंने जानकारी भी दी है।
पिताजी जो फैसला करेंगे, वो हमें मंजूर
बता दें कि द्वारका दास गांव के एक मंदिर में महंत हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले जीरकपुर से लोहड़ी बंपर टिकट खरीदा था। अब लॉटरी निकलने से उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। उनके दोनों बेटे मुकेश और नरिंदर का कहना है कि पिताजी जो फैसला करेंगे, वो हमें मंजूर है। हमारे घर में खुशी का माहौल है।
मैं इस पैसे के 3 हिस्से करूंगा
किस्मत के इस खेल में विजेता बने द्वारका दास ने बताया, मैं इस पैसे के 3 हिस्से करूंगा. 2 हिस्से अपने बेटों के लिए और एक हिस्सा डेरा (मंदिर) पर खर्च करूंगा। मैं हॉस्पिटल से आया हूं। पैसे आने या जाने की मुझे कोई बहुत ज्यादा खुशी या गम नहीं होता है। मैंने सारी जिंदगी मेहनत करके अपने परिवार का पालन पोषण किया है।
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भगवान सबको करोड़पति बनाए
करोड़पति बनने के सवाल पर महंत द्वारका दास ने कहा कि भगवान सबको करोड़पति बनाए। उन्होंने बताया कि वो करीब 35-40 सालों से लॉटरी टिकट खरीद रहे थे, लेकिन भाग्य का पिटारा अब खुला है। महंत का बेटा नरेंद्र कुमार ऑटो चालक है।
इस बारे में जानकारी देते हुए लॉटरी विक्रेता लोकेश कुमार ने बताया कि वह पंचकूला रोड पर लक्की लॉटरी के नाम से स्टॉल लगाते हैं। महंत के पोते निखिल शर्मा आठ दिन पहले उनसे लोहड़ी व मकर संक्रांति बंपर टिकट खरीदने आए थे। अब उन्हें पांच करोड़ रुपये मिले हैं।
उधर, पंजाब स्टेट लॉटरी के सहायक डायरेक्टर करम सिंह ने बताया कि लॉटरी जीतने वाले द्वारका दास को वेरिफिकेशन करने के बाद पैसे दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ जो टैक्स है, वो सरकार को देना पड़ता है।