इंदौर : शिक्षा सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है यह सत्य है कि पढ़ाई उसका एक जरूरी हिस्सा है। पढ़ाई और डिग्री से ऊपर शिक्षा हर स्टेज पर व्यक्ति की पर्सनालिटी पर इसका क्या वैल्यू एडिशन होता है वह उसकी शिक्षा का अहम हिस्सा होता है। शिक्षित और साक्षर होना दोनों अलग-अलग बातें हैं वही शिक्षित होना और डिग्री धारी बनना अलग-अलग बातें हैं। शिक्षित होने के लिए साक्षर होना और डिग्री धारी होना तो जरूरी है परंतु इन सिर्फ दोनों चीजों से हम शिक्षित नहीं होते। यह एक कंटीन्यूअस प्रोसेस है जिसे हम बच्चों की क्लास के रूप में नापते हैं जैसे-जैसे बच्चे आगे बढ़ते जाते है वैसे वैसे उनकी डिग्री और साक्षरता की पढ़ाई खत्म हो जाती है। लेकिन शिक्षा कभी खत्म नहीं होती यह तो निरंतर चलती रहती है वह हर चीज जो आप अपने सपने पूरे करने के लिए सीखते जाते हैं वह शिक्षा है। एक पेंट आर्टिस्ट के लिए तस्वीर में रंग भरना और दो कलर को मिलाकर तीसरा कलर तैयार करना एक शिक्षा है। हर वह फील्ड जो किसी व्यक्ति को उसके सपने पूरा करने में सहायता करती है वह शिक्षा है। यह बात सीएच एज मेकर्स के डायरेक्टर अजय बंसल ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही।
सवाल : आज के दौर में हर क्षेत्र कमर्शियल होता जा रहा है, शिक्षा भी इसका हिस्सा है इसको लेकर आपका क्या ख्याल है
जवाब : कमर्शियल होना गलत नहीं है कमर्शियल होने से उस चीज के सही मूल्य का आकलन होता है। यह मेरा निजी अनुभव रहा है कि शहर के कई कॉलेज ने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए हमारी कोचिंग क्लास में एडमिशन दिलवाया वही उसकी फीस भी कॉलेज द्वारा भरी गई। लेकिन बच्चों ने मुफ्त में मिली उस शिक्षा की कद्र नहीं की क्योंकि वह चीज उन्हें फ्री में मिली थी। कमर्शियल होने से किसी भी चीज या सर्विस की सही वैल्यू का आंकलन होता है। चीजों का आंकलन तो लगाना आसान है लेकिन सर्विस का आकलन लगाना मुश्किल है और शिक्षा सर्विस में आती है। अलग-अलग संस्थानों द्वारा शिक्षा में दी जाने वाली क्वालिटी का इनकरेजमेंट कब मिलेगा जब उसे उसका सही मॉल मिलेगा। इस नजरिए से मैं शिक्षा का कमर्शियलाइजेशन होना गलत नहीं मानता।
सवाल : सीएच एज मेकर्स की शुरुआत कब और कैसे हुई
जवाब : सीएच एज मेकर्स की शुरुआत हम तीन साथियों में अजय बंसल, आकाश सेठिया और सुमित मारु ने मिलकर की। हम बचपन के मित्र थे हमारी स्कूलिंग भी साथ में सेंट पॉल स्कूल से हुई इसके बाद हमने जीएसआईटीएस से अपनी शिक्षा पूरी की हम तीनों ने देश के अन्य संस्थानों में लगभग 4 से 5 साल तक कार्य किया। मैंने जीएसआईटीएस से इलेक्ट्रॉनिक एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजिनियरिंग में शिक्षा प्राप्त करने के बाद अहमदाबाद की एक कंपनी में एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट के रूप में काम किया इसी के साथ आकाश सेठिया टाटा कंसल्टेंसी में कार्य करने के बाद आईआईएम लखनऊ में शिक्षा हासिल करने चले गए वहीं सुमित मारु ने अपनी पढ़ाई के बाद खुद का सेंटर स्टैबलिश किया। हम तीनों ने एक समय के बाद यह तय किया कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बेहतर करना चाहिए उस टाइम हमने यह एनालाइज किया कि इंदौर में ग्रुप डिस्कशन और ट्रेनिंग की कोचिंग की बहुत ज्यादा जरूरत है और फिर हमने 1997 में सीएच एज मेकर्स की शुरुआत की।
सवाल : पहली कोचिंग कहां और कैसे शुरू हुई
जवाब : हमारी पहली कोचिंग साउथ तुकोगंज में ढक्कन वाला कुआं पर हुआ करती थी। शुरुआत में हम तीनों दोस्त मिलकर बच्चों को शिक्षा प्रदान करते थे धीरे-धीरे हमें अच्छे रिजल्ट मिलने लगे फिर हमने सीमेट, सीयूइटी, कैट, केंपस रिक्रूटमेंट कोर्स, आईपीएम और अन्य क्षेत्र में स्टूडेंट का शिक्षा देना शुरू किया। महज 15 बच्चों से शुरुआत हुई सीएच एज मेकर्स की कोचिंग में आज शहर में 2 हज़ार से ज्यादा बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। वर्तमान में इंदौर में गीता भवन और नवलखा पर हमारे दो सेंटर संचालित है।
सवाल : क्लासेस का समय क्या रहता है क्या यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में दी जाती है
जवाब : सुबह 7.30 बजे से लेकर रात के 8:30 बजे तक संस्थान में अलग-अलग बेच के हिसाब से क्लासेस चलती है जिसमें देश और शहर के प्रतिष्ठित एजुकेटर अपनी शिक्षा प्रदान करते हैं वही सीएच एज मेकर्स में हर स्टूडेंट के ऊपर फोकस रखने के मकसद से 35 से ज्यादा स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ को नहीं लिया जाता है। इसी के साथ संस्थान द्वारा ऑनलाइन क्लासेस भी प्रोवाइड करवाई जाती है। जिसमें कई बच्चे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों क्लासेस लेते हैं वहीं कई बच्चे सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस से शिक्षा हासिल करते हैं। शहर के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से भी बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
सवाल : अभी वर्तमान में कितने बच्चे संस्थान में शिक्षा हासिल कर रहे हैं, सीमेट और आईपीएम में लास्ट ईयर क्या रिजल्ट रहा
जवाब : वर्तमान समय में 2 हज़ार बच्चों की स्ट्रेंथ के साथ सीएच एज मेकर्स शहर में विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान कर रहा है वहीं अगर इसमें बात की जाए तो सबसे ज्यादा स्टूडेंट कैट और आईपीएम के कोर्सेस में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। अगर बात आंकड़ों की करी जाए तो इन दोनों कोर्सस में लगभग बारह सो स्टूडेंट शिक्षा हासिल कर रहे। इन कोर्स की समयावधि की अगर बात करें तो जो स्टूडेंट जल्दी स्टार्ट कर देते हैं वह 2 साल के कोर्स वहीं कई बच्चे एक साल और क्रैश कोर्स में भी हिस्सा लेकर एग्जाम के लिए प्रिपरेशन करते हैं। पिछले 3 सालों के सीएच एज मेकर्स के रिजल्ट की अगर बात की जाए तो कैट के एग्जाम के बाद आईआईएम और इसके इकवैलेंट देश के प्रतिष्ठित कॉलेज से 2 हजार से ज्यादा स्टूडेंट को इंटरव्यू कॉल आ चुके हैं। वहीं अगर बात आईपीएम की की जाए तो फाइनल ऑल इंडिया रैंक के हिसाब से अंडर 50 मैं से सात रैंक संस्थान के स्टूडेंट की आई है।
सवाल : सीयूईटी और सीमेट में संस्थान के स्टूडेंट ने किस तरह परफॉर्म किया है
जवाब : सीयूईटी में जनरल टेस्ट, एप्टिट्यूड के अलावा अन्य सब्जेक्ट की तैयारी भी सीएच एज मेकर्स द्वारा करवाई जाती है। इसी के साथ स्टूडेंट को टेस्ट, मॉक टेस्ट,सेल्फ स्टडी, डाउट सेशन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है। बात अगर रिजल्ट की करी जाए तो लास्ट ईयर सीईयूटी के एक एक सेक्शन में सीएच एज मेकर्स के कई स्टूडेंट्स को हंड्रेड परसेंटटाइल मार्क्स मिले हैं। वही देश में टियर 2, टियर 3 के कॉलेज के लिए सीमेट की परीक्षा दी जाती है सीएच एज मेकर्स पर सीमेट के लिए भी शिक्षा प्रदान की जाती है यहां शिक्षा प्राप्त करने के बाद कई स्टूडेंट को देश के प्रतिष्ठित कॉलेज में एमबीए के लिए एडमिशन मिला है।
सवाल : क्या कॉलेज प्लेसमेंट से संबंधित कोर्स भी करवाए जाते हैं
जवाब : कई बड़े कॉलेज में इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्टूडेंट के लिए केंपस रिक्रूटमेंट के कोर्स भी करवाए जाते हैं। जिसमें एप्टिट्यूड, ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू की शिक्षा प्रदान की जाती है यह लगभग 4 महीने का कोर्स होता है जिसमें स्टूडेंट फाइनल ईयर के दौरान इसमें प्रवेश लेते हैं। ग्रुप डिस्कशन के तहत स्टूडेंट को यह सिखाया जाता है कि ग्रुप में बैठकर कैसे किसी टॉपिक के ऊपर डिस्कस किया जाता है , कैसे एंट्री ली जाती है, दूसरे के पॉइंट को सपोर्ट करना वही सबको साथ लेकर अपने पॉइंट को कैसे सबके बीच रखा जाता है और अन्य चीजों के बारे में बारीकी से सिखाया जाता है। इसी के साथ एप्टिट्यूड टेस्ट में मेंटल एबिलिटी से संबंधित सवाल होते हैं। सीएच एज मेकर्स में एडमिशन लेने के पश्चात 90% से ज्यादा स्टूडेंट को मल्टीनेशनल कंपनियों ने बेहतर प्लेसमेंट दिया है।
सवाल : स्टूडेंट के बेहतर परफॉर्मेंस के लिए एजुकेटर के अपॉइंटमेंट और संस्थान द्वारा किस प्रकार की एक्टिविटी करवाई जाती है
जवाब : संस्थान में शिक्षा देने वाले एजुकेटर को अप्वाइंट करने से पहले उनका रिटन टेस्ट, टेक्निकल इंटरव्यू, डेमो क्लास पर्सनल इंटरव्यू के बाद ही अपॉइंटमेंट किया जाता है। क्लासेस में एडमिशन के पश्चात स्टूडेंट को स्टडी मटेरियल दिया जाता है ताकि उन्हें बाहर से कहीं से भी इसे खरीदने की जरूरत नहीं हो। यह स्टडी मैटेरियल स्टूडेंट को प्रिंटेड बुक्स और सॉफ्ट कॉपी कॉपी के रूप में लॉगिन में भी दिया जाता है। इसी के साथ रोजाना डाउट सेशन, मॉक टेस्ट का आयोजन भी किया जाता है जिसमें बच्चे अपने आपको एनालिसिस कर पाते हैं। इसी के साथ स्टूडेंटस को सेल्फ स्टडी के लिए भी मोटिवेट किया जाता है ताकि वह सेल्फ स्टडी कर सके इसके लिए कोचिंग सेंटर्स पर सेल्फ स्टडी एरिया नामक जगह भी बनाई गई है जहां बैठकर स्टूडेंट सेल्फ स्टडी कर सकते हैं।