‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ को चरितार्थ करता निदेशक कृषि विपणन का पत्र

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केंद्र सरकार का 10000 किसान उत्पादन संघठन (एफ़पीओ) गठन परियोजना वर्ष 2021-22 मे प्रारम्भ हुआ, और इसमे करीब 9000 एफ़पीओ का गठन हो चुका है। एसएफ़एसी (Small Farmers Agribusiness Consortium) को इस योजना का नोडल कार्यान्वयन संस्था के रूप मे नामांकित किया गया था, और बैंकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेव्लपमेंट (बर्ड) लखनऊ (Bankers Institute of Rural Development BIRD) को इस योजना का केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान नामांकित (Central Nodal Training Institution CNTI) किया गया था।
इस योजना मे एसएफ़एसी, नाबार्ड और अन्य सरकारी कार्यान्वयन एजेंसियों को ये 10000 एफ़पीओ, क्षेत्र मे कार्य कर रहे एनजीओ या प्राइवेट संस्था, जिन्हे योजना मे सीबीबीओ कहा गया है, के माध्यम से बनवाना था। सीबीबीओ को एफ़पीओ बनवाने और उन्हे प्रशिक्षित करने की ज़िम्मेदारी दिया गया था, और इस कार्य के लिए बर्ड ने अपने वैबसाइट पर एफ़पीओ प्रशिक्षण के ट्रेनिंग मोडयुल बनाकर रखे हुए है।
सीबीबीओ से अपेक्षा थी की बर्ड के ट्रेनिंग मोडयुल या स्वयं अपना ट्रेनिंग मोडयुल बनाकर एफ़पीओ के निदेशक मण्डल, और अन्य स्टाफ को वर्ष मे कम से कम दो ट्रेनिंग दिलवाए जिससे की एफ़पीओ अपना व्यावसायिक गतिविधियां प्रारम्भ कर आत्मनिर्भर बने। बर्ड के अतिरिक्त कुछ अन्य संस्थाएं जैसे एनआईआरडी, मैनेज, एनआईएएम, एनआईएफटईएम, वीएएमएनआईसीओएम को भी एफ़पीओ के प्रशिक्षण के लिए अधिकृत किया गया था। खेद की बात यह है की इन सभी संस्थाओं ने सब मिलकर भी 1% एफ़पीओ को ये प्रशिक्षण नहीं दे सके, जिसके कारण जितने भी एफ़पीओ के प्रशिक्षण हुए, वो सीबीबीओ ने अपने स्तर पर करवाए।
10000 एफ़पीओ योजना मे एफ़पीओ के लिए नियमित प्रशिक्षण की कोई व्यवस्था होनी चाहिए का ध्यान केन्द्रीय कृषि मंत्रालय (जो इस योजना के नीति निर्माता है) के ख्याल मे ढाई वर्ष बाद आया। इसके लिए केन्द्रीय कृषि विभाग के कृषि सचिव ने प्रदेश स्तर पर कृषि विभाग के प्रशिक्षण संस्थाओं को एफ़पीओ के प्रशिक्षण के कार्य पर लगाने का विचार बनाया, और उन्होने 7 प्रदेशों के कृषि विभाग के प्रशिक्षण संस्थाओं को स्टेट नोडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (SNTI) के रूप मे चयनित कर लिया।
इस बाबत निदेशक कृषि विपणन ने 27 अक्टूबर 2023 मे एसएफ़एसी को एक पत्र लिखा, जिसमे केंद्रीय क्षेत्र के 10000 एफपीओ योजना को बढ़ावा देने के लिए राज्य नोडल प्रशिक्षण संस्थानों को शामिल करते हुए विकेन्द्रीकृत प्रशिक्षण ढांचा बनाने का प्रस्ताव एवं रूपरेखा थी। बाद मे दिनांक 13-11-2023 को निदेशक कृषि विपणन ने प्रस्तावित राज्य नोडल प्रशिक्षण संस्थानों (SNTI) के राज्यों के कृषि प्रमुखों को राज्य नोडल प्रशिक्षण संस्था मे एफ़पीओ प्रशिक्षण हेतु तैयारी करने और कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया गया।
भोपाल मे बसे एक पूर्व बैंकर एवं कृषि विशेषज्ञ शाजी जॉन ने  एसएफ़एसी से निदेशक कृषि विपणन के नवम्बर 2023 मे भेजे गए पत्र की कार्य प्रगति के संबंध मे आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया। उन्होने पत्र मे दिये गए कार्य बिन्दु अनुसार 10 आरटीआई के माध्यम से लगभग 150 प्रश्न एसएफ़एसी से पूंछे जिसके जवाब से यह पता चल गया की केन्द्रीय कृषि सचिव महोदय एफ़पीओ के प्रशिक्षण को लेकर विकेन्द्रीकृत प्रशिक्षण ढांचा बनाने की बात जो सोच रहे है वो  मुंगेरीलाल के हसीन सपने ही देख रहे है।
आरटीआई मे एसएफ़एसी ने साफ़ साफ कह दिया की उनको दिये गए एक भी ज़िम्मेदारी वो पूरा नहीं कर सके, और ना ही पूरा करने की मंशा है। शाजी जॉन द्वारा निदेशक कृषि विपणन के द्वारा विकेन्द्रीकृत प्रशिक्षण ढांचा बनाने के पत्र मे एसएफ़एसी एवं बर्ड से संबन्धित बिन्दुओं का हिन्दी अनुवाद नीचे दिया जा रहा है। इन बिन्दुओं के साथ शाजी जॉन का एसएफ़एसी से आरटीआई द्वारा प्राप्त जानकारी पर आधारित टिप्पणी भी दिया जा रहा है:-
कार्य बिन्दु #1 :
केंद्रीय नोडल प्रशिक्षण संस्थान (CNTI )-  राज्य नोडल प्रशिक्षण संस्थानों और अन्य प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों जैसे सीसीएस, एनआईएएम, मैनेज, वैमनीकॉम आदि के साथ साझेदारी में काम करेगा।
टिप्पणी: एसएफ़एसी के अनुसार इस संबंध मे मे उनको कोई जानकारी नहीं है की CNTI क्या कर रहा है।
कार्य बिन्दु #2 :
सीएनटीआई प्रशिक्षण सामग्री का मानकीकरण करेगा।
टिप्पणी : एसएफ़एसी का कहना है की प्रशिक्षण सामाग्री के मानकीकरण मे उनकी कोई भूमिका नहीं है, और उन्हे पता नहीं है की प्रशिक्षण सामाग्री के मानकीकरण के संबंध मे सीएनटीआई क्या कर रहा है।
कार्य बिन्दु  #3:
सीएनटीआई द्वारा एसएनटीआई और अन्य पहचाने गए प्रशिक्षण संस्थानों के मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देगा।
टिप्पणी : एसएफ़एसी का कहना है की उन्हे इस संबंध मे कोई जानकारी नहीं है की CNTI द्वारा मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण मे संबंध मे क्या कार्यवाही किया जा रहा है। उन्हे सिर्फ इतना मालूम है की CNTI एफ़पीओ का कोई प्रशिक्षण दे रहे है,किसको दे रहा है, कैसे दे रहा है, उन्हे पता नहीं है और मतलब भी नहीं है।
कार्य बिन्दु #4:
एसएनटीआई और अन्य प्रशिक्षण संस्थान एफपीओ सदस्यों (बीओडी, सीईओ, अकाउंटेंट, सदस्य, निर्माता आदि), लाइन विभागों, सरकारी अधिकारियों, प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों, विश्वविद्यालयों, केवीके आदि को स्थानीय भाषाओं में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
टिप्पणी : मुंगेरीलाल के हसीन सपने ही है यह सब।
कार्य बिन्दु #5:
एनपीएमए के परामर्श से केंद्रीय नोडल प्रशिक्षण संस्थान एफपीओ/अन्य हितधारकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान करेगा (किस स्तर पर किस प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता है)।
टिप्पणी : एसएफ़एसी का कहना है की उन्हे हितधारकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान से संबन्धित कोई कार्य अभी तक प्रारम्भ किए जाने की उनको सूचना CNTI से प्राप्त नहीं हुआ है। जहां तक एनपीएमए से परामर्श प्राप्त करने की बात है, और एनपीएमए के परामर्श से हितधारकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं की पहचान संबंधी कोई योजना बनाना मुंगेरी लाल के हसीन सपने ही है। एनपीएमए संस्था तो सिर्फ कागजो मे ही बना है, और 10000 एफपीओ योजना में उनका योगदान शून्य रहा है
कार्य बिन्दु #6:
एसएफएसी/एनपीएमए के परामर्श से प्रति प्रतिभागी प्रति दिन 2900 रुपये के प्रशिक्षण व्यय को अंतिम रूप दिया गया।
टिप्पणी : खाने पीने के मामले का एसएफ़एसी बहुत अच्छा ध्यान रखती है, इसलिए उन्होने प्रति दिन हर प्रतिभागी के लिए सिर्फ खाने और नाश्ते का रु 950/- का प्रावधान रखा है।
कार्य बिन्दु #7:
एसएफएसी, केंद्रीय नोडल प्रशिक्षण संस्थान (CNTI) के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत करने और निधि (फंड) जारी करने के लिए एसओपी बनाएगा।
टिप्पणी : एसएफ़एसी ने कहा है की उन्होने अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं बनाया है और ना ही फंड जारी करने के लिए कोई एसओपी बनाया।
कार्य बिन्दु #8:
एसएनटीआई (SNTI) द्वारा प्रशिक्षण कैलेंडर  प्रस्तुत किया जाएगा जिसमे वित्तीय विवरणों के साथ लक्षित लाभार्थियों के विवरण होंगे। सीएनटीआई (CNTI) द्वारा प्रशिक्षण कैलेंडर का जांच आवश्यक धनराशि के लिए एसएफ़एसी को अनुरोध भेजा जाएगा।
टिप्पणी : मुंगेरी लाल के हसीन सपने। SNTI प्रशिक्षण कलेंडर तो बना कर दे सकता है, लेकिन उसमे वित्तीय विवरण ही होंगे। लक्षित लाभार्थी का विवरण वो कहाँ से लाएँगे। जून 2024 तक एसएनटीआई (SNTI) ने कोई प्रशिक्षण कलेंडर बना कर नहीं भेजा है जिसे जांच कर CNTI ने धन राशि अनुरोध  एसएफ़एसी को भेजा हो। एसएफ़एसी ने आरटीआई मे स्पष्ट किया है की उनको अभी तक  CNTI से कोई प्रशिक्षण कलेंडर और धनराशि अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है।
कार्य बिन्दु #9:
सीएनटीआई (CNTI) द्वारा मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण के लिए, सीएनटीआई फंड जारी करने के लिए एसएफएसी को प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा और एसएफएसी द्वारा DA&FW को यूसी (Utilization Certificate) प्रस्तुत किया जाएगा।
टिप्पणी : एसएफ़एसी ने कहा है की उन्होने ना तो कोई धन राशि के लिए DA&FW को अनुरोध भेजा है, और ना ही DA&FW प्राप्त हुआ है, जिसका यूसी बनाया जाये।
कार्य बिन्दु  #10:
इसके अलावा, सीएनटीआई प्रशिक्षण की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षुओं और उनके प्रशिक्षित एफपीओ के समवर्ती निगरानी और प्रदर्शन को ट्रैक करने की पद्धति भी विकसित करेगा।
टिप्पणी : वही मुंगेरीलाल के हसीन सपने। जिस संस्था ने आज तक एक ढंग का प्रशिक्षण रिपोर्ट नहीं बनाया हो, उनसे समवर्ती निगरानी (Concurrent Monitoring) और प्रदर्शन को ट्रैक (Performance Tracking) करने की पद्धति विकसित करने की अपेक्षा करना दिवास्वप्न से कम कुछ भी नहीं है। आरटीआई के जवाबो मे एसएफ़एसी ने स्वयं यह माना है की उनके पास एफ़पीओ के विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं है।
कार्य बिन्दु#11 :
फील्ड प्रशिक्षण वितरण की निगरानी करने, प्रशिक्षुओं की प्रतिक्रिया/प्रदर्शन को ट्रैक करने के अलावा सीएनटीआई एफपीओ योजना के तहत विकसित किए जा रहे एकीकृत एमआईएस पोर्टल में प्रशिक्षण डेटा को भी पंच करेगा ।
टिप्पणी :
 जब एसएफ़एसी ने समवर्ती निगरानी (Concurrent Monitoring) और प्रदर्शन को ट्रैक (Performance Tracking) करने की पद्धति विकसित ही नहीं किया है, तो CNTI प्रशिक्षण डाटा को पंच कहाँ करेगा।आरटीआई से जानकारी प्राप्त हुआ है की एसएफ़एसी ने इस तरह की पद्धति विकसित करने की दिशा मे कोई कार्य नहीं किया है।
कार्य बिन्दु #12:
सीएनटीआई विभिन्न प्रदान किए गए प्रशिक्षण का वार्षिक सारांश तैयार करेंगे और इसकी प्रभावशीलता को डीए एंड एफडब्ल्यू (DA&FW) को साझा करेंगे।
टिप्पणी : CNTI वार्षिक सारांश तो तैयार करके दे देगा, लेकिन आज तक सीएनटीआई ने अपने प्रशिक्षण की प्रभावशीलता को जाँचने का कोई सिस्टम ही नहीं बनाया है, तो उनसे एफ़पीओ ट्रेनिंग की प्रभावशीलता के आंकलन की अपेक्षा कैसा किया जा सकता है?
कार्य बिन्दु #13:
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए निधियाँ कार्य योजना के आधार पर एसएफएसी को अग्रिम रूप से दी जाएंगी, ताकि सीएनटीआई से प्राप्त अनुरोध प्रस्ताव के आधार पर इसे सीएनटीआई को हस्तांतरित किया जा सके। सीएनटीआई को एसएनटीआई द्वारा सीएनटीआई को प्रस्तुत अनुरोध के आधार पर अपने भागीदार एसएनटीआई को निधि हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाएगी।
टिप्पणी : एसएफ़एसी ने जवाब दिया है की उन्हे अभी तक प्रशिक्षण से संबन्धित कोई फ़ंड प्राप्त नहीं हुआ है, और ना ही उन्हे सीएनटीआई का फंड् हेतु कोई अनुरोध प्राप्त हुआ है। एसएफ़एसी ने यह भी कहा है की उन्हे किसी भी राज्य के SNTI द्वारा CNTI को अनुरोध पत्र भेजने की जानकारी नहीं है।
कार्य बिन्दु #14:
इसके अलावा 10K एफपीओ योजना के तहत एलएमएस में एक डिजिटल प्रशिक्षण भंडार (Digital Learning Repository) भी लागू किया गया है। इस संबंध में सचिव डीए एंड एफडब्ल्यू की टिप्पणी के अनुसार – “अतिरिक्त सचिव (विपणन), डीए एंड एफडब्ल्यू और प्रबंध निदेशक एसएफएसी इसकी समीक्षा करेंगे ताकि एलएमएस को समग्र प्रशिक्षण ढांचे के साथ वांछनीय सीमा तक एकीकृत किया जा सके”
टिप्पणी : इस कार्य बिन्दु के अंतर्गत सचिव कृषि महोदय ने अतिरिक्त सचिव (विपणन)और प्रबंध निदेशक एसएफएसी को यह ज़िम्मेदारी दिया है की एलएमएस (Learning Management System)के वर्तमान स्वरूपकी समीक्षा करें और इसे प्रस्तावित प्रशिक्षण ढांचे मे एकीकृत करने हेतु सुझाव देवे। आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार एसएफ़एसी यह मानने को तैयार नहीं है की एलएमएस की समीक्षा मे प्रबंध निदेशक एसएफएसी की कोई भूमिका है।
कार्य बिन्दु #15:
सीएनटीआई और एनपीएमए के परामर्श से एसएफएसी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के उद्देश्यों, ग्राहकों, अनिवार्य पाठ्यक्रमों और इन कार्यक्रमों के माध्यम से समग्र कवरेज के संदर्भ में मानदंड भी तैयार करेगा।
टिप्पणी : एसएफ़एसी से यह उम्मीद करना की वो एफ़पीओ के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए विभिन्न मानदंड तैयार करेगा वास्तव मे मुंगेरी लाल के हसीन सपने ही है। आरटीआई मे प्राप्त जानकारी के अनुसार एसएफ़एसी को उनको दिये गए इन जिम्मेदारियों की कोई जानकारी ही नहीं है।
कार्य बिन्दु #16:
प्रशिक्षित किए जाने वाले लोगों की बड़ी संख्या के कारण, एक गुणवत्तापूर्ण डिजिटल एलएमएस जरूरी है।
टिप्पणी : एक गुणवत्तापूर्ण डिजिटल एलएमएस की जरूरत जग जाहीर है, और यह तीन वर्ष पहले जब 10000 एफ़पीओ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ था, तब बन जाना चाहिए था। इससे पहले भी यह एलएमएस बनाने की ज़िम्मेदारी CNTI और एसएफ़एसी की थी, जो उन्होने किया नहीं। अभी भी एसएफ़एसी और CNTI से  गुणवत्तापूर्ण डिजिटल एलएमएस बनाने की अपेक्षा करना मुंगेरीलाल के हसीन सपने ही है।
कार्य बिन्दु #!7:
एसएफएसी एक व्यापक प्रशिक्षण योजना तैयार करेगा और प्रस्तुत करेगा।
टिप्पणी : आरटीआई से प्राप्त जानकरी अनुसार एसएफ़एसी ने आदेश प्राप्त होने के 7 महीने बाद भी व्यापक प्रशिक्षण योजना बनाया नहीं है, और ना ही इनके बनाने की कोई योजना है या मंशा है।
निदेशक कृषि विपणन ने केन्द्रीय कृषि सचिव के निर्देशानुसार दिनांक 27-10-2023 को और 13-11-2023 को विकेन्द्रीकृत प्रशिक्षण ढांचा बनाने बाबत पत्र तो निकाल दिया, लेकिन उन महाशय को अच्छी तरह जानकारी थी की ऐसे कोई विकेन्द्रीकृत प्रशिक्षण ढांचा नहीं बनने वाला है। शायद यही कारण है की इन महाशय ने इन पत्रों का कभी कोई अनुस्मारक न तो एसएफ़एसी को भेजा और ना ही CNTI या राज्यों को भेजा।
एसएफ़एसी और CNTI को भी मालूम है की केन्द्रीय कृषि विभाग के अधिकारी को पत्र लिख कर भूल जाने की आदत है, इसलिए इस तरह के कोई आदेश उनके लिए कोई मायने नहीं रखता। संभव है की केन्द्रीय कृषि सचिव ने नेक इरादों से एफ़पीओ सैक्टर के भले के लिए विकेन्द्रीकृत प्रशिक्षण ढांचा बनाने की बात सोची होगी। लेकिन उनको शायद मालूम नहीं है की एसएफ़एसी, बर्ड जैसे संस्थाओं के माध्यम से कृषि और  ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान की कामना, मुंगेरीलाल के हसीन सपने के समतुल्य है।
आशा है की केन्द्रीय सचिव महोदय यह समझ जाएंगे, की एसएफ़एसी और बर्ड के रूप मे देश ने सफ़ेद हाथी पाल रखे है, जिनका योगदान कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास से अधिक विनाश मे रहा है।