मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर पर्यावरण, ऊर्जा और जल संरक्षण पर संवाद कार्यक्रम सफलतापूर्वक हुआ संपन्न

Share on:

इंदौर। हम मध्यप्रदेश के वासी हैं, यह गौरव की बात है और इस गौरव को हमें अनुभूत भी करना होगा। साथ ही मध्यप्रदेश के पर्यावरण का संरक्षण एवं संवर्धन भी हमें ही करना होगा। उक्त विचार अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने के.के. विज्ञान एवं व्यवसायिक अध्ययन महाविद्यालय, जिला प्रशासन इंदौर एवं पर्यावरण, संरक्षण अनुसंधान एवं विकास केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।

इंदौर जिले में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज 3 नवंबर 2022 को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागृति हेतु एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विविध पर्यावरण विशेषज्ञों ने ऊर्जा संरक्षण, वायु संरक्षण, जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता आदि विषयों पर शहर के प्रबुद्ध जनों एवं विद्यार्थियों को संबोधित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने की। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए अपर कलेक्टर राठौर ने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण में सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु आह्वान किया। विषय प्रवर्तन करते हुए सीईपीआरडी के सचिव एवं सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ. रमेश मंगल ने सभागार में उपस्थित युवाओं की संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त की एवं कहा कि वे ही पर्यावरण के सच्चे रक्षक हैं।

सुप्रसि़द्ध समाज सेवी एवं उपाध्यक्ष डॉ. अनिल भंडारी ने विषय विशेषज्ञ के रूप में संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला एवं विद्यार्थियों को जागरूक किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलवाई।

सुप्रसि़द्ध पर्यावरणविद डॉ. ओ. पी. जोशी ने गिरते भू-जलस्तर पर चिंता जाहिर की एवं इसे रोकने हेतु उपाय बताये। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पूर्व प्रभारी म.प्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ.दिलीप वागेला ने प्राकृतिक साधनों से वातावरण को ठण्डा बनाये रखने एवं विद्युत चलित यंत्रों पर निर्भरता घटाने पर बल दिया। ऊर्जा विशेषज्ञ डॉ. संजय सिंह द्वारा विद्यार्थियों को ऊर्जा संरक्षण के लिये नवीन विकल्प बतायें गए।

कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षाविद एवं उच्च शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. मनोहर दास सोमानी एवं प्रीतमलाल दुआ भी विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे। इस अवसर पर महाविद्यालय के निदेशक श्री नरेन्द्र जी कुशवाह द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया गया। भीमबेटका की अरण्य संस्कृति से वर्तमान काल तक मध्यप्रदेश की अद्भुत और अप्रतिम यात्रा रही है, यह विचार स्वागत उद्बोधन देते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. संगीता भारूका ने व्यक्त किए।

Also Read: Bhopal : राजधानी भोपाल के इन इलाकों का बदला जायेगा नाम, प्रस्ताव हुआ पारित

संस्था परिचय डॉ. पवन तिवारी द्वारा दिया गया। मंच संचालन प्रो. प्राची मिश्रा द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन प्रो. सविता अग्रवाल द्वारा माना गया। इस अवसर पर शहर के प्रबुद्ध नागरिक, स्टाफ सदस्य एवं महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।