उत्तरखंड के हरिद्वार में 27 फरवरी से कुम्भ लगने जा रहा है, और इस बार का कुंभ 2021 काफी अलग होने जा रहा है जिसकी तैयारी बड़े जोरों शोरों से जारी है। हालांकि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस बार महाकुंभ के आयोजन को छोटा कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अब कुंभ का आयोजन एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक की बजाए 28 अप्रैल तक ही होगा। इसको लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा इसे लेकर दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। जिसका पालन प्रशासन को सख्ती से करना होगा।
जानकारी के अनुसार, आयोजित होने वाले कुंभ मेले में चार शाही स्नान घोषित किये गए है। पहला स्नान महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021 से शुरू होकर चैत्र अमावस्या यानी सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल 2021 , बैशाखी कुम्भ स्नान 14 अप्रैल 2021 और चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल 2021 को खत्म होंगे।
वहीं पर्व स्नान भी होंगे। बड़ी बात ये है कि कोरोना काल में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को सकुशल संपन्न करवाना एक बड़ी चुनौती है और इसी के चलते कुम्भ का आयोजन 28 दिन यानी 1 अप्रैल से 28 अप्रैल तक कर दिया गया है। हालांकि भव्य और दिव्य कुंभ करने के लिए ईश्वरीय निमंत्रण दिया जा रहा है। वहीं अभी महाकुंभ की अधिसूचना जारी होने की प्रतीक्षा है।
ये है सरकार की गाइडलाइन-
1. महाकुंभ में आने वाले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
2. कुंभ में स्नान के लिए आ रहे सभी श्रद्धालुओं को कोरोना टेस्ट कराना होगा, नेगेटिव मेडिकल सर्टिफिकेट लाना भी जरूरी होगा।
3. गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को महाकुंभ में नहीं आने के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है।
4. कुंभ के दौरान छह फीट की सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने, सैनिटाइजेशन सहित सभी प्रकार के कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होगा।
5. कुंभ मेले के दौरान कोई प्रदर्शनी, मेला या प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होगा, कुंभ मेले में किसी भी स्थान पर थूकना प्रतिबंधित होगा।
6.कुंभ मेले में मेला प्रशासन को पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी और 1000 बेड वाला अस्थाई अस्पताल बनाना होगा, जिसे विस्तारित कर 2000 बिस्तर तक पहुंचाने की गुंजाइश भी होनी चाहिए।