नई दिल्ली। देश कोरोना वायरस संकट से अभी भी झूंझ रहा है। ऐसे में एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल एक व्यक्ति में कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करने वाली एंटीबाॅडी मिली है। जबकि यह केवल तभी शरीर में बनती है जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट में आया हो। यह मामला दिल्ली के एम्स की एक मरीज का है। 80 वर्षीय इस बुजुर्ग महिला को डायबिटीज, हाइपरटेंशन के अलावा 15 दिन से कमजोरी की शिकायत थी। महिला में टीएलसी की संख्या कम हो रही थी। जिसके कारण इन्हें एम्स में भर्ती किया गया।
इस मरीज की चार बार कोरोना की जांच भी की गई लेकिन फिर भी रिपोर्ट नेगेटिव ही आए। जबकि इनके शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबाॅडी पाई गई है। दिल्ली एम्स के डाॅक्टरों का कहना है कि अब कोरोना वायरस को लेकर अब तक अलग-अलग थ्योरी सामने आ रही हैं, लेकिन इसमें एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि अगर किसी मरीज की रिपोर्ट निगेटिव है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह पॉजिटिव नहीं है।
उन्होंने बताया कि 25 जून से लेकर सात जुलाई के बीच चार बार एम्स में आरटी-पीसीआर जांच की गई थी जिसमें हर बार रिपोर्ट निगेटिव पाई गई। आरटी-पीसीआर जांच कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए सबसे बेहतर जांच बताई जा रही है लेकिन जब मरीज में संक्रमण का पता नहीं लगा तो डॉक्टरों ने उन्हें पॉजिटिव ही मानते ही उपचार किया। इसी बीच जांच में एंटीबॉडी मिलने से यह पुष्टि भी हो गई कि लक्षणों के आधार पर संदिग्ध मरीज कोरोना संक्रमित था। बता दें कि ऐसा ही एक मामला रोहतक से भी सामने आया था जिसमें संदिग्ध की कई बार जांच करवाने के बाद भी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन कुछ ही दिनों में मरीज की मौत हो गई।