व्यस्तता के इस दौर में हम यह बात भूल चले हैं कि खेलों (Sports) का हमारे जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। पहले के समय की तुलना यदि आज के समय से करें, तो कॉम्पिटिशन इतना बढ़ चुका है कि बच्चों के पास पढ़ाई के उपरान्त बचने वाला समय, जिसमें वे गली-कूचों में खेलने जाया करते थे, अब विलुप्ति की कगार पर है। क्रिकेट खेलने पर बॉल से खिड़की का काँच टूट जाने पर अब कहाँ पड़ोस वाली काकी की चिल्लाने की आवाज़ आती है, अब कहाँ हैं वो दिन जब सितौलिया खेलने के लिए पास वाले काका के घर के छप्पर पर चढ़कर बच्चे कवेलू इकट्ठा किया करते थे।
इन सबसे परे, हमें बच्चों की गैजेट्स से बढ़ती नज़दीकी को आउटडोर गेम्स के प्रति दिलचस्पी में तब्दील करने की नींव गढ़ना ही होगा। यह सत्य है कि खेलों में भाग लेने से हमारे शरीर पर बहुत ही उत्तम प्रभाव पड़ता है। वालीबॉल, क्रिकेट, या कोई भी खेल खेलने से हमारा शरीर चुस्त और तंदरुस्त बनता है। यह बात हम ही नहीं, बल्कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कह रहे हैं। हाल ही में उन्होंने स्वदेसी माइक्रोब्लॉगिंग मंच, कू पर पढ़ाई के साथ ही साथ खेलों में भी रूचि लेने की अपील की है। उक्त पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री कहते हैं:
Must Read : अनुपम खेर से ‘The Kashmir Files’ देखने वाले लोगों ने कही ये बड़ी बात, जानकर होगी हैरानी
बच्चों, मैं कबड्डी, वॉलीबॉल और क्रिकेट खेलना पसंद करता हूं। स्वस्थ शरीर के लिए खेल बहुत आवश्यक है।
तुम भी पढ़ाई-लिखाई के साथ खेलो। इससे तुम्हारा शरीर स्वस्थ और भविष्य बेहतर होगा।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj #SundayMotivation #sundayvibes #MyGovMorningMusings
इन खेलों में है हमारे मुख्यमंत्री की दिलचस्पी
गौर करने वाली बात यह है कि शिवराज सिंह चौहान की दिलचस्पी कबड्डी, वॉलीबॉल और क्रिकेट खेलने में है। इसके साथ ही उन्हें इस वर्ष की शुरुआत में बैडमिंटन खेलते हुए भी देखा गया, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई।
दरअसल राजधानी स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में जनवरी माह में शिवराज सिंह चौहान द्वारा नवनिर्मित खेल परिसर का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही परिसर में अंतरविश्वविद्यालयीन बैडमिंटन प्रतियोगिता का शुभारंभ भी हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रतियोगिता में शिरकत कर रहे खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन खेलकर उन्हें प्राेत्साहित किया।
मुख्यमंत्री की खेलों में दिलचस्पी की यह बात सटीक उदाहरण सामने लाती है कि वे सिर्फ कहने के लिए ही नहीं, बल्कि वास्तव में खेलों में दिलचस्पी रखते हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा पसंद किए जाने वाले खेलों के लाभ जानकार आप हो जाएँगे हैरान
कबड्डी
जब यह खेल खेलते हैं तो शरीर के कई हिस्सों पर जोर आता है। खासकर पैर के जोड़ों और घुटनों तथा ऊपरी शरीर, जैसे कंधे और कलाई पर। इससे कमर के निचले हिस्से, सिर और चेहरे पर भी दबाव पड़ता है। इस खेल में लगातार कबड्डी शब्द बोलना पड़ता है। एक सांस में इस शब्द को कई बार दोहराने के लिए बहुत अच्छी सांस रोकने की क्षमता का भी सृजन होता है। इसके लिए कुछ योग और आसनों का सहारा लिया जा सकता है। नाड़ीशोधन प्राणायाम, भ्रामरी आदि इसमें काफी कारगर साबित होते हैं।
वॉलीबॉल
वॉलीबॉल खेल कार्डियो एरोबिक व्यायाम का एक प्रकार है। हृदय गति को बढ़ाने के लिए कार्डियो व्यायाम स्वयं एक प्रकार का व्यायाम है। 15-20 मिनट या उससे अधिक के लिए आप वॉलीबॉल खेलते हैं, जो आपको सामान्य के 60-80% तक की पल्स दर में वृद्धि देता है। 20 मिनट के लिए वॉलीबॉल 126 कैलोरी बर्न कर सकता है। जरा सोचिए, यदि आप पूरे एक साल तक नियमित रूप से 20 मिनट वॉलीबॉल खेलते हैं, तो आप अपने शरीर से 6 किलोग्राम वसा कम करने के बराबर 459,900 कैलोरी बर्न कर सकते हैं। एक शोध की मानें, तो कार्डियो की तीव्रता जितनी अधिक होगी, उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न होगी।
क्रिकेट
क्रिकेट देखने में जितना मजा आता है, उतना ही फायदा इस खेल को खेलने से भी होता है। इससे ऊर्जा, ताजी हवा और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा मिलती है। क्रिकेट के मैदान पर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से काम करना पड़ता है, जिस कारण मांसपेशियां मजबूत होती हैं, संतुलन, गति और फुर्ती बढ़ती है।
क्या कहते हैं आँकड़ें
मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण है। WHO के अनुसार लगातार बढ़ती आबादी, प्रदूषण और समस्याओं के इस प्रतिस्पर्धी युग में लगभग 300 करोड़ लोग अवसाद से पीड़ित हैं। खेल फील-गुड हार्मोन (सेरोटोनिन) की रिहाई को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं, जो अवसाद के इलाज में प्रभावी रूप से मदद कर सकता है। जब आप खेल खेलते हैं, तो आप खुश और स्वतंत्र महसूस करते हैं। इस तरह की भावनाएँ आपके मूड को बेहतर बनाने और चिंता से निपटने में मदद कर सकती हैं।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के एक अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग सप्ताह में सिर्फ पांच दिन एरोबिक गतिविधियों में शामिल थे, उन्हें ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण से 43% कम नुकसान हुआ। धावक भी कथित तौर पर ठंड से कम गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे।