Chaturmas 2023: जल्द शुरू होगा चातुर्मास, इस दौरान भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो हो जाएंगे कंगाल

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Chaturmas 2023: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चातुर्मास को सनातन धर्म में बेहद ख़ास माना गया है। 4 मास के इस वक्त में अधिक से अधिक समय भगवान की भक्ति और विशेष पूजा पाठ करने के लिए कहा गया है। हिंदू धर्म के अतिरिक्त जैन धर्म में भी चातुर्मास को काफी ज्यादा महत्‍व दिया गया है। चातुर्मास के बीच जैन संत और मुनि सफर या दौरा नहीं करते हैं, बल्कि एक ही स्थान पर रहकर भगवान की साधना करते हैं। वहीं हिंदू धर्म में चातुर्मास के बीच सतत कई मुख्य व्रत-फेस्टिवल पड़ते हैं। इसमें सावन सोमवार, रक्षाबंध, नागपंचमी, गणेशोत्‍सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि आदि सम्मिलित हैं। वर्ष 2023 में चातुर्मास इसलिए स्पेशल है क्‍योंकि यह 4 महीने की जगह 5 महीनों का होगा। चातुर्मास के समय देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने के लिए काफी शुभदायी माना गया है लेकिन इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि करना निषेध है।

Chaturmas 2023: इस दिन से शुरू होने जा रहा है चातुर्मास 5 महीने तक नहीं कर सकेंगे ये काम - Chaturmas 2023 Chaturmas is going to start from this day will not

5 महीने तक नहीं होंगे शुभ और मांगलिक कार्य

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वहीं आपको बता दें कि चातुर्मास में शुभ और मंगल कार्य निषेध माने जाते हैं। इस बार सावन माह में अधिकमास लगने के कारण सावन 59 दिनों का होगा। इस तरह सावन सोमवार भी 4 की बजाय 8 होंगे। 5 महीने के लंबे चातुर्मास के कारण लोगों को मांगलिक और शुभ कार्य करने के लिए भी 5 महीने का लंबा इन्तजार करना पड़ेगा। जैसे शादी-विवाह, मुंडन-जनेऊ, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, नया वाहन खरीदना, नई प्रॉपर्टी खरीदना, नया व्‍यापार या काम शुरू करने जैसे शुभ कार्य को करने की इन 5 महीनों में मनाही हैं।

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चातुर्मास 2023 की शुरुआत और समाप्ति

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जैसा की हम सभी जानते हैं कि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक देवशयनी ग्यारस से चातुर्मास प्रारंभ होता है और देवउठनी एकादशी के दिन समाप्त होता है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी 30 जून को है। इस दिन से भगवान श्री हरि विष्णु 5 माह के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे। फिर 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन भगवान जागेंगे और फिर से मांगलिक एवं शुभ कार्य प्रारंभ होंगे। साथ ही सनातन धर्म में भड़ली नवमी या भड़ल्‍या नवमी के दिन इस मास का अंतिम मुहूर्त होता है। इस वर्ष भड़ल्‍या नवमी 29 जून को है, अमूमन यह शादी ब्याह का अंतिम मुहूर्त होगा। इसके बाद 24 नवंबर से शादी ब्याह जैसे आदि मांगलिक और शुभ कार्य शुरू होंगे।

  • 1 जून: दोपहर 01:39 बजे से अगली सुबह 05:24 बजे तक 
  • 8 जून: सुबह 05:23 बजे से अगली सुबह 05:23 बजे तक 
  • 9 जून: सुबह 05:23 बजे से शाम 04:20 बजे तक 
  • 12 जून: दोपहर 1:49 बजे से अगली सुबह 05:23 बजे तक 
  • 21 जून: सुबह 05:24 बजे से दोपहर 03:09 बजे तक 
  • 26 जून: सूर्योदय से लेकर देर रात 02:04 बजे तक 
  • 28 जून: सुबह 05:26 बजे से पूरी रात तक 
  • 29 जून: सुबह 05:26 बजे से शाम 04:30 बजे तक

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों ऐप पर आधारित है। Ghamasan.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।)