धोखाधड़ी केस में CBI की कार्यवाई, सुरेंद्र पटवा के खिलाफ की छापेमारी

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सीबीआई को भोपाल स्थित एंटी करप्शन ब्रांच में पूर्व मंत्री और वर्तमान में भाजपा विधायक सुरेंद्र पटवा व उनकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी और अपराधिक षडयंत्र रचने का मामला दर्ज किया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई बैंक आफ बड़ौदा की इंदौर स्थित ब्रांच से 29 करोड़, 60 लाख की धोखाधड़ी करने के मामले में दर्ज हुआ है। सुरेंद्र पटवा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत सुंदरलाल पटवा के दत्तक पुत्र हैं और वर्तमान में भोपाल के समीप भोजपुर से तीसरी बार भाजपा विधायक हैं।

इंदौर-भोपाल स्थित आवास पर पहुंची सीबीआई टीम दस्तावेज बरामद –

सीबीआई ने सुरेंद्र पटवा और उनकी पत्नी मोनिका पटवा समेत उनकी कंपनी पटवा आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है। पटवा के खिलाफ पिछले महीने में ही बैंक ऑफ बड़ौदा के रीजनल मैनेजर राजेश जी शर्मा ने शिकायत की थी। इस मामले में शुक्रवार को पटवा v अतुल हजेला को सौंपी गई। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने पटवा के इंदौर और भोपाल स्थित आवास पर छापे मारकर दस्तावेज भी बरामद किए हैं।

बैंक के साथ की है 29 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी –

कंपनी ने 36 करोड़ का लोन लिया था, 29 करोड़ जमा नहीं किए –

सुरेंद्र पटवा के खिलाफ इस मामले में जो अपराध दर्ज हुआ है वह 2014 से 2017 के बीच किया गया है। उनकी कंपनी ने बैंक ऑफ बड़ौदा से 236 करोड़ रुपए लोन लिया था, लेकिन इसमें से 29 करोड़, 41 लाखों रुपए के लगभग कंपनी ने जमा नहीं किया और सितंबर 2014 में यह खाता एनपीए हो गया। पटवा परिवार पर इस रिकवरी के लिए बैंक ने कई बार दबाव बनाया लेकिन यह पैसा जमा नहीं हुआ। इसके बाद मामला सीबीआई के पास आया और सीबीआई ने लंबी जांच के बाद शुक्रवार को प्रकरण दर्ज किया और उनके खिलाफ छापामार कार्रवाई की।

सुंदरलाल पटवा ने बनाया था दत्तक पुत्र –

मामले सुरेंद्र पटवा प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे पी गई। दिवंगत सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं लेकिन पटवा के सुंदरलाल पटवा ने उन्हें गोद लेकर दत्तक पुत्र मारकर बनाया था। सुरेंद्र पटवा 2003 में भोजपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन लहर के बावजूद हार गए थे। उन्हें 2008 में फिर मौका दिया गया। उसके बाद वे चुनाव जीते और 2013 में उन्हें मंत्री बनाया गया। वे 2018 तक मंत्री रहे और 2018 तक अभी तक तीन चुनाव भोजपुर सीट से जीत चुके हैं।