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ये संयोग है या प्रयोग…प्रजातंत्र को लग गया वोट बैंक की राजनीति का रोग
प्रखर वाणी ======== मोदीजी ने संसद में हिंदुओं को भी आगाह कर दिया…उनके आचरण से होने वाली भावी हानि पर वाह वाह कर दिया…हिंसक हिन्दू के जवाब में वो बोल
BJP नेता हितेश वाजपेयी ने कांग्रेस की विफलताओं को किया उजागर
सदन में जनता से जुड़े विषयों पर सरकार से बात हो इसकी जिम्मेदारी प्रतिपक्ष की होती है ! सदन में या सदन के बाहर कांग्रेस का कोई जुड़ाव ही नहीं
शिक्षक तो पढ़ा रहे हैं, लेकिन क्या बच्चे सीख भी रहे हैं?
– अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) शिक्षा का मतलब कभी-भी किसी खाली पात्र में जल भरने तक ही सीमित नहीं रहा है। महान अर्थशास्त्री तथा नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य
यह इत्र सबसे महंगा
– अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार) फूलों का स्वभाव होता है खुद के साथ ही साथ अपने आसपास के वातावरण को भी महकाना और अपनी महक से सराबोर कर
आप क्या सोचते हैं….!
-अन्ना दुराई मैं जानता हूँ कि यदि इस विषय को छूने का प्रयास करूँगा तो सब पहले यही कहेंगे कि क्या अन्ना भैया आपको भी कहीं पकड़ लिया था। मेरा
कैसे मिल पाएगा हमको अगला स्वच्छता पुरस्कार…जागो ! कहीं देर न हो जाये सरकार
इंदौरवासी लगातार करते रहे दुआ…तब जाकर हमने स्वच्छता का सातवां आसमान छुआ…बारिश आती है तो भारत का स्वच्छ शहर आसमान से गिरकर खजूर में अटक जाता है…हमको गर्व का एहसास
लगातार खुल रही है स्वच्छता की पोल…कैसे बजा पाएंगे हम आठवें जश्न का ढोल
इंदौरवासी लगातार करते रहे दुआ…तब जाकर हमने स्वच्छता का सातवां आसमान छुआ…बारिश आती है तो भारत का स्वच्छ शहर आसमान से गिरकर खजूर में अटक जाता है…हमको गर्व का एहसास
पीली गाड़ी में बाउंसरों की इकट्ठी करके फौज…भय दिखाने वाले भ्रष्ट कर रहे हैं मौज
जनता की गाढ़ी कमाई को डकार रहे निकम्मे नेता , कर्मचारी व अधिकारी…नगरनिगम में करोड़ों का चुना लगा देने की चुनते ही बढ़ गई है महामारी…हर काम के पैसे लगते
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत कबीर : डॉ. अशोक कुमार
भारतीय चिंतन परम्परा में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत कबीर का चिंतन सामाजिक जड़ता, अराजकता, जन्म के आधार पर भेदभाव, साम्प्रदायिकता, अस्पृश्यता और उंच-नीच जैसी अमानवीय व्यवस्था के खिलाफ शंखनाद है।
कैदियों के पुनर्वास और कल्याण को नजरअंदाज करना समाज के लिए नुकसानदेह
अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार) एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार भारतीय जेलों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के 73 हजार से ज्यादा कैदी हैं। ऐसे कैदियों की स्थिति और उनकी
महामहिम द्रौपदी मुर्मू – एक महान व्यक्तित्व, एक सरल इंसान
आदरणीय द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड के राज्यपाल के रूप में देश की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल थी और अब देश के राष्ट्रपति के रूप
सिस्टम से धोखा करने वाले डॉक्टर बनेंगे तो समाज का क्या होगा?
पूरे देश में इस समय नीट की परीक्षा को लेकर जो घोटाला हुआ है। उसकी चर्चा चल रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दे दिया है। सुप्रीम
गिरगिट की तरह नेता रंग बदलता है झटाझट…रुपया कब आएगा खटाखट
राजनीति में वायदे और कायदे कुछ होते नहीं….किससे नुकसान और किससे फायदे कुछ होते नहीं…चुनाव आये तो घोषणाओं और लोक लुभावन वायदों की बाढ़ आ गई…रंग बदलने की अदा पर
कैसा हो शहर के मेट्रो का रूट ?
हम जब भी किसी शहर में कनेक्टिविटी या मोबिलिटी की बात करते है तो उसका मूल सिद्धांत है की वह सभी जगहों को आपस में जोड़े जिससे उस शहर की
नमामि गंगे.. इंदौर संभाग हर-हर गंगे
पवनः पवतामस्मि रामः शस्त्रभृतामहम्। झषाणां मकरश्चास्मि स्रोतसामस्मि जाह्नवी।।10। 31।। श्रीमद भागवत गीता के दशम अध्याय में श्री कृष्ण कहते है कि वे पवित्र करने वालों में मैं वायु हूँ और
इन उपायों से कम हो सकती देश की जेलों में साल-दर-साल बढ़ती भारी भीड़- अतुल मलिकराम
लगभग दो वर्ष पूर्व भारतीय राष्ट्रपति ने जेलों में बंद बड़ी संख्या में विचाराधीन कैदियों की दयनीय स्थिति का मुद्दा उठाया था। हालांकि यह मुद्दा सिर्फ उठा था लेकिन इस
डॉ. नरेश त्रेहान इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ़ कार्डियक सर्जरी से सम्मानित, एथेंस, ग्रीस ने माना ‘सेवन लीजेंड्स’ में से एक
Indore News : ग्लोबल हेल्थ लिमिटेड के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर के चैयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान को इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ कार्डियैक सर्जरी द्वारा “सेवेन वाइज़् कोरोनरी सर्जन्स ऑफ़ द गोल्डन एरा
राम मोहन नायडू ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से उड्डयन मंत्रालय संभाला, चुनौतियां उनका इंतजार कर रही है
-रवि लोहिया राम मोहन नायडू दस जून को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में नई मंत्रिपरिषद के हिस्से के रूप में नागरिक उड्डयन मंत्री बने। उन्होंने पर्ड्यू
यहां चूके ‘मोदी’
अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार) 4 जून भारतीय राजनीतिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन रहा जब 18वीं लोकसभा के परिणाम घोषित हुए। एक तरफ तो यह दिन बीजेपी को धरातल पर
धरी की धरी रह गई धरा सारी गगन मगन है रोने में…..चेहरा हो गया ऐसा न पोछने में न धोने में…
*प्रखर वाणी* पंजे की गिरफ्त में कमल आ गया और खिलते खिलते मुरझा गया। चार सौ पार का फील गुड स्वयं भाजपा को ही खा गया। राहुल को हल्के में