Jammu And Kashmir में नहीं थम रहे टारगेट किलिंग के मामले, अब प्रवासी मजदूर बने आतंकियों का निशाना

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Terror Attack In Jammu And Kashmir: जम्मू कश्मीर में इन दिनों आम लोगों पर लगातार आतंकी हमले किए जा रहे हैं. आज एक बार फिर यहां हमला देखा गया. बडगाम के ईट भट्टे में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों पर यह हमला किया गया. जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई जबकि दूसरा बुरी तरीके से घायल है. घायल मजदूर को इलाज के लिए श्रीनगर के SMHS अस्पताल में भर्ती किया गया है.

आतंकियों ने ये अटैक बडगाम के मगरेपोरा चडूरा इलाके में किया. जिस मजदूर की जान गई है उसका नाम दिलखुश बताया जा रहा है, वह बिहार का रहने वाला था. पिछले कुछ दिनों से लगातार कश्मीर में गैर कश्मीरी या फिर हिंदुओं को चुन-चुन कर मारने की खबरें सामने आ रही है.

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पिछले महीने लगातार तीन ऐसी घटनाएं हुई जिससे कश्मीर में रहने वाले अल्पसंख्यक चिंता में आ गए हैं. आज आतंकियों ने कुलगाम में एक बैंक मैनेजर पर भी फायरिंग की, जिसमें मैनेजर विजय कुमार की मौत हो गई. वो राजस्थान का रहने वाला था. मोहनपोरा के देहाती बैंक में मैनेजर पद पर पदस्थ विजय पर आतंकियों ने फायरिंग कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई. सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. विजय के पिता का कहना है ट्रांसफर के लिए बैंक पीओ की तैयारी कर रहा था ताकि ब्रांच मैनेजर बन सके लेकिन भगवान को यह सब मंजूर नहीं था.

इसके पहले 31 मई को आतंकियों ने कुलगाम में महिला टीचर रजनीबाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. रजनी गोपालपोरा हाई स्कूल में टीचर थी. फायरिंग के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था.

12 मई को भी जम्मू कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने हमला कर राजस्व विभाग के एक अधिकारी को गोली मार दी थी. तहसील ऑफिस में घुसकर राहुल भट्ट नाम के अधिकारी का नाम पूछने के बाद आतंकियों ने घटना को अंजाम दिया था. अस्पताल में इलाज के दौरान राहुल की मौत हो गई थी.

लंबे समय से कश्मीर में आतंकियों का आतंक बढ़ता देखा जा रहा है. जिसके चलते गृह मंत्री अमित शाह कल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ हाई लेवल मीटिंग करने वाले हैं. इस मीटिंग में जम्मू कश्मीर के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक और सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख मौजूद रहेंगे.

लगातार हो रहे हमलों के चलते कश्मीर में रहने वाले हिंदू काफी परेशान है और पिछले 22 दिनों से प्रदर्शन करते हुए वहां से सुरक्षित निकाले जाने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों का कहना है कि 1990 में जिस तरह हमारा पलायन हुआ था उसी तरह अभी भी पलायन किया जा रहा है. 3000 कर्मचारी जम्मू पहुंच चुके हैं आगे भी यह पलायन चलता रहेगा.