HDFC बैंक ने वित्त वर्ष 2024 में पूरे भारत में 2 लाख से अधिक नागरिकों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रक्रियाओं में बारे में जागरूक किया

  • बैंक ने पूरे भारत में 16,600 से अधिक साइबर धोखाधड़ी जागरूकता वर्कशॉप्स आयोजित कीं

एचडीएफसी बैंक, ने अपने डिजिटल बैंकिंग जागरूकता अभियान में पूरे भारत में सुरक्षित बैंकिंग कार्यशालाओं की एक पूरी सीरीज़ का आयोजन किया। इस दौरान एचडीएफसी बैंक ने सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रक्रियाओं पर 16,600 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की और इनमें 2,00,224 से अधिक नागरिकों को जागरूक किया गया। इस दौरान लोगों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से समझाया गया।

इन कार्यशालाओं का उद्देश्य स्कूल और कॉलेज के छात्रों, कानून लागू करने वाली एजेंसियों, वरिष्ठ नागरिकों, स्वयं सहायता समूहों, ग्राहकों और कर्मचारियों को शिक्षित करना था। इन इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से, सभी प्रतिभागियों को सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रक्रियाओं पर बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई जिससे वे भविष्य में अपने आप को साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने में सक्षम होंगे।

कार्यशालाओं में वास्तविक और रोजमर्रा के जीवन के उदाहरण, कहानियां और वीडियो शामिल थे, जिससे प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तरीकों को समझने में मदद मिली और इस तरह की धोखाधड़ी से सुरक्षित रहने के टिप्स भी मिले। एचडीएफसी बैंक पिछले चार वर्षों से देश भर में विभिन्न स्थानों पर सुरक्षित बैंकिंग पहल के तहत साइबर धोखाधड़ी जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है।

कार्यशाला में कई प्रासंगिक विषयों को शामिल किया गया, जो डिजिटल सुरक्षा की बेहतर समझ प्रदान करते हैं:

1. आईएफएडब्ल्यू की पृष्ठभूमि: उपस्थित लोगों को डिजिटल जागरूकता की वकालत करने में इंटरनेशनल फ्रॉड अवेयरनेस वीक के मिशन/भूमिका से परिचित कराया गया।

2. साइबर धोखाधड़ी जागरूकता: विशिंग, फ़िशिंग, स्मिशिंग, रिमोट डिवाइस एक्सेस, सिम स्वैप और यूपीआई धोखाधड़ी जैसे सामान्य साइबर खतरों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। इस तरह की धोखाधड़ी को लेकर समझ को गहरा करने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरणों का उपयोग किया गया।

3. सुरक्षित नेट-बैंकिंग और शॉपिंग टिप्स: इन सत्रों में सुरक्षित ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस के लिए बेस्ट प्रक्रियाओं के बारे में भी बताया गया, विजिल आंटी के महत्व पर प्रकाश डाला गया और सुरक्षित ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अमूल्य टिप्स दिए गए।

4. निवारक उपाय: उपस्थित लोगों को ओटीपी, सीवीवी, डेबिट/क्रेडिट कार्ड क्रेडेंशियल और यूपीआई पिन जैसी संवेदनशील जानकारी का खुलासा किसी भी अंजान व्यक्ति को न करने के लिए भी खास तौर पर जानकारी प्रदान की गई।

इस पूरे अभियान के बारे में बात करते हुए श्री मनीष अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट- क्रेडिट इंटेलिजेंस एंड कंट्रोल – एचडीएफसी बैंक ने कहा कि “साइबर अपराध व्यक्तियों और संगठनों के लिए समान रूप से एक गंभीर खतरा है। जागरूकता की कमी के कारण लोग ऐसे साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए, सभी आम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना आवश्यक है ताकि वे गोपनीय बैंकिंग डेटा किसी के साथ साझा न करें या नॉन-वेरिफाई लिंक पर क्लिक न करें। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तौर-तरीकों और सुरक्षित बैंकिंग प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना है जिनका उन्हें पालन करने की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार न बनें। ये जागरूकता कार्यशालाएं एचडीएफसी बैंक के दृष्टिकोण और कोर वैल्यू यानी ग्राहक फोकस के अनुरूप हैं।“

बैंक ग्राहकों को डिजिटल रूप से लेनदेन करते समय सतर्क रहने और सुरक्षित बैंकिंग आदतें अपनाने और अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा करने से बचने के लिए प्रोत्साहित करता है। यदि ग्राहक ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो उन्हें तुरंत बैंक को अनधिकृत ट्रांजेक्शन की सूचना देनी चाहिए और भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए भुगतान मोड को ब्लॉक करवा देना चाहिए। ग्राहकों को गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शुरू की गई 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज करनी चाहिए और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए।