UPI को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, इंसेंटिव स्कीम को मिली मंजूरी, इन लोगों को होगा फायदा

19 मार्च को केंद्र सरकार ने UPI इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को 2000 रुपये तक के यूपीआई लेनदेन पर इंसेंटिव देना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन मिलेगा और बैंकों को भी वित्तीय लाभ मिलेगा। सरकार ने इसके लिए 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

Srashti Bisen
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UPI Incentive Scheme : 19 मार्च को केंद्र कैबिनेट ने एक अहम कदम उठाया और यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दे दी। इस योजना का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना और कैशलेस इकॉनोमी को मजबूत करना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अभी तक डिजिटल भुगतान का ज्यादा प्रयोग नहीं हुआ है।

इस योजना का सबसे बड़ा फायदा छोटे व्यापारियों को होगा, जिन्हें 2000 रुपये तक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर प्रोत्साहन राशि यानी इंसेंटिव मिलेगा। इसके साथ ही, UPI123PAY और UPI लाइट जैसे डिजिटल भुगतान टूल्स को भी बढ़ावा मिलेगा। तो चलिए जानते हैं इस स्कीम के बारे में विस्तार से…

क्या है UPI इंसेंटिव स्कीम का मुख्य उद्देश्य?

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य UPI को टियर 3 से 6 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैलाना है, ताकि डिजिटल भुगतान और कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जा सके। इसका फायदा छोटे व्यापारियों को मिलेगा जो हर रोज छोटे-छोटे लेनदेन करते हैं।

योजना से क्या लाभ होगा?

  • मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट (MDR) में जीरो फीस: सभी यूपीआई लेनदेन पर मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट (MDR) पूरी तरह से हटा दिया जाएगा, जिससे छोटे व्यापारियों को वित्तीय राहत मिलेगी।

  • 2000 रुपये तक के लेनदेन पर इंसेंटिव: हर 2000 रुपये के यूपीआई लेनदेन पर छोटे मर्चेंट्स को 0.15% इंसेंटिव मिलेगा। इसका मतलब है कि छोटे व्यापारियों को सीधे सरकार से लाभ मिलेगा।

  • बड़े मर्चेन्ट्स को नहीं मिलेगा इंसेंटिव: हालांकि इस योजना का लाभ सिर्फ छोटे व्यापारियों को मिलेगा, बड़े मर्चेन्ट्स को इसका फायदा नहीं मिलेगा।

  • डिजिटल क्रेडिट एक्सेस को बढ़ावा: इस योजना से आम नागरिकों के लिए डिजिटल क्रेडिट एक्सेस आसान होगा, और उन्हें यूपीआई यूज़ करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।

इस योजना का हिस्सा बनने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस वर्ष सरकार का लक्ष्य है कि 20,000 करोड़ रुपये के यूपीआई ट्रांजेक्शन किए जाएं। इससे यह साफ है कि सरकार डिजिटल भुगतान के स्तर को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

बैंकों को मिलेगा फायदा 

बैंकों को इस स्कीम के तहत 80% इंसेंटिव बिना किसी शर्त के मिलेगा। बाकी 20% इंसेंटिव के लिए कुछ शर्तें लागू होंगी। इन शर्तों में प्रमुख हैं:

  • तकनीकी असफलता दर (Technical Decline) को 0.75% से कम रखना।
  • सिस्टम अपटाइम को 99.5% से ऊपर बनाए रखना।

इन शर्तों को पूरा करने के बाद बैंकों को अतिरिक्त इंसेंटिव मिल सकेगा।

UPI इंसेंटिव स्कीम से होने वाले फायदे

  • छोटे व्यापारियों को वित्तीय सहायता: 2000 रुपये तक के यूपीआई लेनदेन पर प्रोत्साहन राशि मिलने से व्यापारियों को नगद भुगतान के मुकाबले डिजिटल पेमेंट्स को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा: इस स्कीम से यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंचेगा।

  • बैंकों के लिए प्रोत्साहन: बैंकों को इन प्रोत्साहनों के माध्यम से 80% इंसेंटिव मिलेगा, जो उन्हें डिजिटल भुगतान के बढ़ावे में मदद करेगा।