हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विधानसभा चुनाव 2024 में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफलता हासिल की है। जबकि एग्जिट पोल में कांग्रेस की जीत का अनुमान था, चुनाव परिणामों ने सभी कयासों को ध्वस्त कर दिया। बीजेपी ने किसानों और पहलवानों के विरोध के बावजूद अपनी स्थिति मजबूत रखी।
जीत के प्रमुख कारण
बीजेपी की इस जीत के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनमें से एक है सही उम्मीदवारों का चयन। पार्टी ने कई पुराने और बड़े नेताओं के टिकट काटकर नए चेहरे को मैदान में उतारा। यह रणनीति उनकी जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वंचित वर्ग का समर्थन
हरियाणा में अनुसूचित जातियों को वंचित अनुसूचित जाति का दर्जा देने के फैसले से बीजेपी को बड़ा लाभ मिला। इस वर्ग का राज्य में 14 फीसदी वोट शेयर है, जो चुनावी नतीजों में निर्णायक साबित हुआ।
धर्मेंद्र प्रधान की रणनीति
हरियाणा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने चुनावी रणनीति को सफल बनाने के लिए ग्राउंड जीरो पर सक्रियता दिखाई। उन्होंने हेलीकॉप्टर की जगह कार से यात्रा करते हुए छोटे-छोटे बैठकें कीं, जिससे वे स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर सके। उन्होंने असंतुष्ट नेताओं को मनाने और कमजोर बूथों की पहचान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यकर्ताओं की भूमिका
धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यकर्ताओं को टीवी और सोशल मीडिया पर चल रही नकारात्मक बातों से निराश न होने की सलाह दी। उन्होंने उन्हें बताया कि जमीन पर काम को दोगुने जोश के साथ करना होगा। शिक्षा मंत्री ने भी पीएम मोदी की योजनाओं और भाषणों को लोगों तक पहुंचाने की दिशा में कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।
पूर्व सीएम की भूमिका
चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को रणनीतिक रूप से पीछे रखा गया, जबकि नायब सिंह सैनी को आगे बढ़ाया गया। यह निर्णय भी बीजेपी की चुनावी रणनीति में एक महत्वपूर्ण पहलू साबित हुआ, जिससे पार्टी की स्थिति को मजबूत किया गया।