बिहार ने आखिरकार अपना फैसला सुना दिया है। जिसमें हर बार की तरह एक बार फिर एनडीए की सरकार बनना तय हो चुकी हैं। बता दे, 243 सीटों के लिए हुई मतगणना में 125 सीटें एनडीए को मिल चुकी हैं। जो कि बहुमत के अकड़े से 3 ज्यादा है। जी हां लगातार चौथी बार एक बार फिर नितीश कुमार जीत चुके हैं। लेकिन कई ऐसी शख्सियत इस चुनाव में हार गई जिनकी पूरे चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा थी। आज हम आपको उन सभी चेहरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो ये चुनाव हार गए है। तो चलिए जानते हैं।
पुष्पम प्रिया चौधरी – पुष्पम प्रिय ने खुद को सीएम कैंडिडेट घोषित कर सुर्खियों बटोरी थी। वह 2 सीटों की दावेदार बन कर कड़ी थी। लेकिन उन्हें दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। बता दे, वह दो सीट बांकीपुर और बिस्फी से चुनाव लड़ी थीं। सबसे बड़ी बात ये है कि बिस्फी में पुष्पम प्रिया को नोटा से भी कम यानी महज 1509 वोट मिले। वहीं बांकीपुर सीट पर पुष्पम को 5189 वोट मिले। इन दोनों सीट से वह हार गई।
लव सिन्हा – लव सिन्हा कांग्रेस नेता और बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे है जो कि बांकीपुर सीट से चुनाव लड़ रहे थे लेकिन वह 39 हजार 36 वोटों से हार गए। दरअसल, बांकीपुर सीट से बीजेपी के नितिन नवीन चुनाव जीत गए है। उन्हें इस चुनाव मे 83068 वोट मिले है जबकि कांग्रेस उम्मीदवार लव सिन्हा को 44032 वोट मिले। बता दे, बांकीपुर, बिहार की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक थी।
पप्पू यादव – पप्पू यादव जो जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा राजेश रंजन को हार का सामना करना पड़ा। जी हां दरअसल, मधेपुरा सीट से चुनाव लड़े पप्पू यादव को 26,462 वोट मिले। इसलिए वो तीसरे नंबर पर रहे। जबकि इस सीट पर आरजेडी के चंद्रशेखर ने जीत हासिल की।
लवली आनंद – आरजेडी की स्टार प्रचारक और बाहुबली आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद भी इस चुनाव से हार गई हैं। जी हां दरअसल, सहरसा सीट से भाजपा के आलोक रंजन को 1,03,538 वोट मिला। जबकि लवली आनंद को 83,859 वोट मिले। बता दे, लवली आनंद 19,679 वोटों से चुनाव हार गईं। वहीं लवली आनंद के बेटे चेतन आनंद शिवहर सीट से जीतने में कामयाब हुए है।
सुभाषिनी बुंदेला- शरद यादव की बेटी सुभाषिनी बुंदेला भी चुनाव हार गई हैं। दरअसल, ऐन चुनाव से पहले सुभाषिनी ने कांग्रेस ज्वॉइन किया था। जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें बिहारीगंज सीट से टिकट दिया था। लेकिन वह जेडीयू प्रत्याशी निरंजन कुमार मेहता से हार गईं। दरअसल, निरंजन कुमार मेहता को कुल 81,531 वोट पड़ा, वहीं सुभाषिनी बुंदेला को 62,820 लोगों ने वोट किया।