Bangladesh Violence: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने हाल ही में दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की तुलना भारत से की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह भारत में भी संभव हो सकता है। खुर्शीद ने टिप्पणी की कि भले ही कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिख रहा हो और लोग 2024 की जीत का जश्न मना रहे हों, वास्तविकता यह है कि सतह के नीचे समस्याएं गहराई से मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अगस्त के महीने में हिंसा और बढ़ गई है, और इस स्थिति के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी और देश से भागना पड़ा।
शाहीन बाग आंदोलन पर भी खुर्शीद ने विचार किए। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने इस आंदोलन को उचित मान्यता नहीं मिलने की बात की और इसे उसकी वास्तविक उपलब्धियों के आधार पर नहीं मापे जाने का आरोप लगाया। झा ने कहा कि शाहीन बाग का आंदोलन, जो नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ था, ने पूरे देश में जन जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सलमान खुर्शीद ने भी शाहीन बाग आंदोलन के विफल होने पर टिप्पणी की और बताया कि आंदोलन के कई कार्यकर्ता अब भी जेल में हैं और उन्हें जमानत नहीं मिल पाई है। खुर्शीद ने कहा कि अगर शाहीन बाग को विफल मान लिया जाए, तो भी यह तथ्य है कि आंदोलन से जुड़े कई लोगों को अभी भी संघर्ष करना पड़ रहा है और उन्हें देश का दुश्मन करार दिया जा रहा है।
साथ ही, कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने भी एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने इंदौर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि देश की नीतियां सही नहीं रहीं, तो जनता एक दिन प्रधानमंत्री आवास में घुस सकती है। वर्मा ने बांग्लादेश में हाल ही में हो रही घटनाओं को गलत नीतियों का परिणाम बताया और चेतावनी दी कि अगर भारत की नीतियों में सुधार नहीं हुआ, तो भारत भी ऐसी स्थिति का सामना कर सकता है।