इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल तथा दिवाला पेशे पर हुआ जागरूकता का कार्यक्रम

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इंदौर: ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड ने भारतीय दिवाला पेशेवर संस्थान आईसीएआई (IIIPI) के सहयोग से देवी अहिल्या विश्व विद्यालय के सभागृह में दिवाला पेशे पर जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया। विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम भारतीय दिवाला पेशेवरों के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में दिवाला पेशेवर के रूप में कैरियर के अवसरों और दिवाला और दिवालियापन संहिता की जानकारी दी गई। आईबीसी पर तकनीकी सत्र में दिवाला पेशेवर डॉ. जी.के. सारस्वत (सेवानिवृत्त आईएएस) और दिवाला पेशेवर टीना सारस्वत पांडे (सीए) ने जानकारी दी। उन्होंने इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल की भूमिका, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल बनने के बारे में बताया।

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उन्होंने कहा कि अब 10 साल के सीए, सीएस और प्रबंधन में 15 साल के अनुभव की आवश्यकता नहीं है। अब ग्रेजुएट इन्सॉल्वेंसी प्रोग्राम के जरिए भी एंट्री होती है। यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था जो आईपी (INSOLVENCY PROFESSION) को करियर के रूप में लेने के इच्छुक हैं या भारत में और विदेशी अधिकार क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला में अन्य भूमिकाएं निभाने की इच्छा रखते हैं। इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल संबंधी पाठ्यक्रम दो वर्ष का है।

इसमें एक वर्ष के गहन आवासीय कक्षा कार्यक्रम तथा एक वर्ष अभ्यास के अत्याधुनिक कार्यक्रम में एक व्यावहारिक इंटर्नशिप भी शामिल है। अग्रणी आईपी और अन्य हितधारकों के साथ काम करने के अवसर प्रदान करता है जो स्नातकों को कौशल और अनुभव प्रदान करता है, जो उन्हें अपने करियर को अगले स्तर तक ले जाने और नियोक्ताओं के लिए विपणन क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। यह आयोजन देशभर में विभिन्न शहरों में आयोजित किये जा रहे 75 कार्यक्रमों का एक हिस्सा है। कार्यक्रम में डीएवीवी की कुलपति रेणु जैन, निदेशक संगीता जैन, आईबीबीआई जीएम राजेश तिवारी, डॉ. एम.के. आर्य तथा विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।