Syria War : सीरिया में 13 सालों के संघर्ष के बाद बशर अल असद का शासन अब समाप्त हो गया है। असद परिवार का 50 साल का सत्ता में रहने का इतिहास अब इतिहास के पन्नों में सिमट चुका है। खबर है कि बशर अल असद सीरिया छोड़कर भाग गए हैं और विद्रोहियों ने देश को “आजाद” कर लिया है। हालांकि, यह केवल 10 दिनों की कहानी नहीं है; इसके पीछे एक लंबा संघर्ष और लाखों लोगों की जानें हैं।
सीरिया में खत्म हुआ असद का 50 साल पुराना शासन
बशर अल असद ने 2000 में अपने पिता हाफिज अल असद के बाद राष्ट्रपति पद की कमान संभाली थी। हाफिज अल असद ने 1971 में सत्ता पर कब्जा किया था और बाथ पार्टी के जरिए 2024 तक देश पर शासन किया। बशर अल असद के शासन में सीरिया में निरंकुश तानाशाही और असहमति की आवाज़ों को दबाने के लिए बहुत कठोर कदम उठाए गए। असद परिवार ने, जो पहले एक सोशलिस्ट तानाशाही लाने का वादा करता था, खुद सत्ता में रहते हुए वही तानाशाही बनाई, जिसका विरोध उन्होंने शुरू में किया था।
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2011 के बाद का संघर्ष
2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान सीरिया में भी विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई, लेकिन असद ने उन्हें क्रूरता से दबाया। इसके बाद यह विरोध प्रदर्शन एक सशस्त्र संघर्ष में बदल गए। बशर अल असद ने ईरान और रूस के सहयोग से अपनी सत्ता बचाए रखी, लेकिन देश भर में विद्रोही समूहों और आतंकवादी संगठनों के विरोध के बावजूद उनका शासन कमजोर हो गया। अल-कायदा और ISIS से निकले समूहों ने असद के खिलाफ मोर्चा खोला और इन समूहों को तुर्की, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से समर्थन मिला।
असद शासन के अंत के बाद, सवाल यह है कि सीरिया की अगली सरकार कैसी होगी। विद्रोही समूहों की पहचान अलग-अलग है। कुछ लोकतंत्र की बात करते हैं, तो कुछ इस्लामी शासन की स्थापना के पक्षधर हैं। इसके अलावा, कुर्द लड़ाकों का भी एक प्रमुख हिस्सा है जो अपने लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सीरिया में किस तरह की सरकार बनेगी, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।
कौन बनेगा सीरिया में नया शासक?
सीरिया के नए भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। असद के खिलाफ लड़ने वाले विभिन्न समूहों की विचारधाराएं अलग-अलग हैं। कुछ लोकतंत्र की ओर इशारा करते हैं, तो कुछ इस्लामी रिपब्लिक चाहते हैं। कुर्द, जो लंबे समय से अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं, उनका भी एक मजबूत दावा है। साथ ही, सीरिया के पुनर्निर्माण और सत्ता बंटवारे में तुर्की, अमेरिका और इज़राइल की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। इन देशों का उद्देश्य सीरिया को विभाजित कर ईरान के प्रभाव को मध्य-पूर्व से घटाना हो सकता है।
इस संघर्ष में करीब 5 लाख लोग मारे गए हैं, और 4 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। यह संख्या सीरिया के संघर्ष की गंभीरता और उसकी भयंकरता को बयान करती है। 13 साल के इस संघर्ष ने सीरिया के समाज को पूरी तरह से बदल दिया है, और देश की पहचान को भी नया रूप दिया है।
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