स्वाती मालीवाल मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के पीए को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई?अभिषेक मनु सिंघवी ने बिभव की पैरवी करते हुए कहा कि एफआईआर तीन दिन बाद दर्ज कराई गई. मालीवाल थाने गई लेकिन बिना एफआईआर दर्ज कराए लौट गईं।
क्या कहा कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने विभव कुमार को फटकार लगाते हुए पूछा की जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं, क्या ऐसे गुंडों को रखने के लिए उस कार्यालय की आवश्यकता है? सवाल यह है कि यह कैसे हुआ. मालीवाल ने उसे रुकने के लिए कहा लेकिन वह आदमी नहीं रूका. वह क्या सोचता है ? आप पूर्व सचिव थे, अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था, तो आपको वहां रहने का अधिकार नहीं था।
वकील की दलील खारिज
सिंघवी ने विभव कुमार की पैरवी करते हुए ? हत्या के दो मामलों में आरोपी को जमानत मिलने का हवाला दिया। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हमें उन मामलों का हवाला ना दें, क्योंकि यहां किस तरह से घटनाक्रम हुआ वो हमारी चिंता का कारण है. आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई? हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं लेकिन इस मामले में, किस तरह की नैतिक दृढ़ता है?
कोर्ट ने बेहद सख्त रवैया अपनाते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर बिभव की जमानत अर्जी पर जवाब मांगा. अगली सुनवाई अब सात अगस्त बुधवार को होगी.संघवी ने कहा कि पहले दिन वह (पुलिस के पास) गई पर कोई शिकायत नहीं की, लेकिन फिर तीन दिन बाद शिकायत दर्ज हुई.
हाई कोर्ट ने नहीं दी थी जमानत
इससे पहले 12 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव कुमार को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि उनका काफी प्रभाव है और उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं बनता. जज ने कहा था, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है.