अनिल अंबानी की कंपनी कंपनी रिलायंस कैपिटल ने स्टॉक मार्केट से डी.लिस्ट कराने का फैसला किया हैं. इसके बाद से ही इस फैसले के साथ ही शेयर बाजार में रिलायंस कैपिटल के शेयर ट्रेडिंग बंद हो गई है. रिलायंस कैपिटल के शेयरों की आखिरी ट्रेडिंग 26 फरवरी को हुई थीए उस दिन शेयर की कीमत 11.90 रुपये थी. डी.लिस्ट कराने का ये मतलब होता है कि अब रिलायंस कैपिटल के शेयरों की न तो ट्रेडिंग होगी और न ही निवेशक शेयर को होल्ड कर सकेंगे.
दरअसल अनिल अंबानी की कर्ज में डूब कंपनी रिलायंस कैपिटल को हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स ने खरीदी है. जिसके बाद नए ऑनर ने रिलायंस कैपिटल लिमिटेड को स्टॉक मार्केट से डी-लिस्ट कराने का फैसला किया है.
आपको बता दें 6 फरवरी में रिलायंस कैपिटल की शेयर की कीमत 11.90 रुपये थी. लेकिन अब वो जीरो हो चुका है. शेयर धारकों को रिटर्न में अब कुछ भी नहीं मिलने वाला है. हालांकि ये सब मार्केट रेगुलेटर सेबी से नियम के अधीन हुआ है. इसलिए लोगों को इस तरह के शेयर से हमेशा बचने की सलाह दी जाती है. खासकर उन कंपनियों के शेयरों को लेकर जिनका मामला NCLT में चल रहा हो.
बता दें अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड की कभी तूती बोलती थी. साल 2008 में इस शेयर कीमत 2700 रुपये से भी अधिक थी. अपने हाई से ये शेयर करीब 99 प्रतिशत तक टूट चुका है. बता दें, आरबीआई ने 29 नवंबर, 2021 को गंभीर समस्याओं की वजह से अनिल अंबानी की इस कंपनी के बोर्ड को भंग कर दिया था. उसके बाद कंपनी दिवालिया प्रक्रिया से गुजरती हुई हिंदुजा समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स के पास पहुंची है. कंपनी पर कब्जा होते ही हिंदुजा समूह ने रिलायंस कैपिटल के शेयरों को डी-लिस्ट करने का फैसला लिया है.
इस फैसले पर रिलायंस कैपिटल ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि कंपनी के इक्विटी शेयरधारक का परिसमापन मूल्य शून्य है और इसलिए, इक्विटी शेयरधारक कोई भुगतान प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे. वहीं रिलायंस कैपिटल के किसी भी शेयरधारक को कोई प्रस्ताव नहीं दिया जाएगा, यानी रिलायंस कैपिटल की डी-लिस्टिंग के बाद इक्विटी शेयर होल्डर्स को कोई भी पेमेंट नहीं मिलेगा.