Anant Chaturdashi 2021: अनंत चतुर्दशी आज, इस शुभ योग में करें पूजा, सभी मनोकामना होगी पूर्ण

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Anant Chaturdashi 2021: शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानि आज अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2021) है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा हेतु सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। इसी दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त पुरे दिन का उपवास रखते हैं और पूजा के दौरान पवित्र धागा बांधते हैं।

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Anant Chaturdashi 2021

इस दिन भगवान नारायण के साथ 14 गांठों वाले अनंत की पूजा होती है और नारायण को अनंत अर्पित करने के बाद इसे अपनी बांह पर रक्षा सूत्र के तौर पर बांधा जाता है। इस बार अनंत चौदस पर बुधादित्य योग बन रहा है। जो भक्तों के लिए अत्यंत शुभफलदायी रहेगा। इस दिन भक्त भगवान विष्णु को अनंत सूत्र बांधते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। जानए अनंत चौदस का महत्व, तिथि और व्रत की विधि…

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अनंत चौदस पर बन रहा है बुधादित्य योग
इस बार की अनंत चौदस भक्तों के लिए और भी मंगलकारी रहेगी क्योंकि इस बार अनंत चौदस के दिन मंगल, बुध और सूर्य तीनों ही कन्या राशि में विराजमान रहेंगे। इस वजह से इस दिन बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

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अनंत चौदस पूजा का मुहूर्त:
भादप्रद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी आरंभ-19 सितंबर 2021 दिन रविवार प्रातः 05 बजकर 59 मिनट से
भादप्रद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी समाप्त-  20 सितंबर 2021 दिन सोमवार प्रातः 05 बजकर 28 मिनट पर
पूजा मुहूर्त- 19 सितंबर सुबह 06 बजकर 08 मिनट से लेकर अगली सुबह 05 बजकर 28 मिनट तक पूजा का समय रहेगा।

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अनंत चतुर्दशी पर पूजा विधि:
अनंत चतुर्दशी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि करें।
इसके बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी स्थापित करें।
धागे पर कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर उसमें चौदह गांठे बांधकर अनंत सूत्र बनाएं।
अब इस अनंत सूत्र को भगवान विष्णु के समक्ष रखें और विष्णु जी के साथ सूत्र की भी पूजा करें।
पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें।
‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।’
पूजन पूर्ण हो जाने के बाद अनंत सूत्र को अपने और परिवार में सबके बाजू पर बांध दें।

अनंत चौदस का महत्व
जैसा कि इस पर्व का नाम है इस दिन भगवान विष्णु को अनंत सूत्र बांधा जाता है। ये अनंत सूत्र कपड़े, सूत या रेशम का बनाया जाता है। पूजन के बाद या धागा अपने बाजू पर बांध लिया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस सूत्र को बांधने से सभी बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है।

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