नई दिल्ली। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi Highcourt) ने सोमवार को खारिज कर दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर सभी 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि ये स्कीम राष्ट्र हित में और सेना को बेहतर बनाने के लिए लाई गई है। इसमें कोर्ट के दखल का कोई औचित्य नहीं बनता।
क्या कहा Delhi Highcourt ने ?
हाई कोर्ट ने कहा, अग्निपथ योजना सेना की बेहतरी और राष्ट्रहित में लिया गया फैसला है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। जानकारी के लिए आपको बता दे कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था।
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना का समर्थन किया था। हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल कर इस स्कीम पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि यह योजना राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थी ताकि सशस्त्र बल बेहतर सुसज्जित हों। केंद्र सरकार ने कहा था कि, अग्निपथ योजना के सहारे तीनों सेनाओं का स्वरूप अधिक युवा होगा ओर सैनिकों की औसत उम्र 32 साल से घटकर 26 साल तक पहुंच जाएगी।
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जानकारी के लिए आपको बता दे कि, अग्निपथ योजना को 14 जून, 2022 को पेश किया गया था। इस स्कीम के तहत आर्म्ड फोर्सेज में युवाओं का भर्ती किए जाने के नए नियम बताए गए थे। अग्निपथ योजना के नियमों के अनुसार, साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के लोग आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा।