आधुनिक विज्ञान के दौर में कई चमत्कारिक घटनाएं घटित हो रही है ।ऐसे में अब बरेली जिले के राजेंद्र नगर स्थित एक निजी हॉस्पिटल में दुर्लभ बच्ची ने जन्म लिया है। हालांकि इस बच्ची ने दुनिया नहीं देखी बल्कि गर्भ में ही उसकी मौत हो गई ।डॉक्टर भी एक समय इस घटना को देखकर हैरान रह गए। बच्चे की गर्भ में मौत होने की वजह बीमारी बताई है ।अब डॉक्टरों ने स्किन बायोप्सी और कैरियर टाइमिंग जांच के लिए सैंपल भी लिया है। जिसके बाद पता लगाया जा सकेगा।
बच्ची में इस तरह के मिले लक्षण
अस्पतालों में दुर्लभ बच्चों के जन्म होने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में अब बरेली के राजेंद्र नगर स्थित एक निजी अस्पताल में दुर्लभ बच्ची का जन्म हुआ है। इस बच्चे का शरीर पूरी तरह से सफेद और त्वचा जगह-जगह से फटी हुई थी। इसके साथ ही आंख की पलकें पलटी और होंठ का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाया। इसके अलावा बच्ची के ऊपर के दांत भी निकल आए। इस घटना को देखकर एक समय डॉक्टर भी हैरान रह गए थे। डॉक्टरों की माने तो ऐसे बच्चों को हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी कहते है।
यह घटना बनी क्षेत्र में चर्चा का विषय
मां के गर्भ में पल रहे इस बच्ची को सिर्फ 7 माह ही हुए । डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के शरीर में तेल बनाने वाली ग्रंथियां नहीं होने की वजह से उसकी त्वचा फट गई ।इसके साथ ही उसकी पलकें पलटने की वजह से चेहरा भयानक लग रहा था। हालांकि गर्भ से मृत बच्ची पैदा हुई। हालांकि यह घटना अस्पताल ही नहीं बल्कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया अब डॉक्टरों ने बच्ची के शरीर से सैंपल लिए हैं।
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अतुल अग्रवाल की माने तो 3000000 बच्चों में एक बच्चा हार्लेक्विन बेबी बेबी होता है। अगर पूरी दुनिया की बात करें तो अब तक ढाई सौ मामले ही देखे गए हैं। जिसकी वजह से ऐसे बच्चों की जन्म के दौरान या कुछ घंटों के बाद ही मौत हो जाती है।।
हालांकि डॉक्टरों ने पूरी तरह से टूट चुके परिवार को समझाया डॉक्टरों ने समझाया की उन्हें इस दुर्लभ बीमारी से ग्रसित होने की जानकारी दी गई है। तब कहीं जाकर परिवार शांत हुआ बता दें कि यह परिवार फतेहगंज पश्चिमी के रहने वाला था।