नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच 48,000 झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालें लोगों के बेघर होने के हालात बन गए हैं। दरअसल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी-झोपड़ियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया है।
इन लोगों के पास अब ये जगह छोड़ने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। क्योंकि कोर्ट ने इस आदेश में ये भी निर्देश दिया गया है कि कोई भी अदालत झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने पर स्टे नहीं दें। कोर्ट का कहना है कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण हटाने के काम में किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव और दखलंदाजी को बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण के संबंध में अगर कोई अदालत अंतरिम आदेश जारी करती है तो वो प्रभावी नहीं होगा। भारतीय रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में अपील रखी थी कि दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के साथ झुग्गीवासियों का अतिक्रमण है, इसमें से 70 किलोमीटर रेलवे लाइन के साथ बहुत ज्यादा है।
रेलवे ने बताया था कि यहां करीब 48000 झुग्गियां हैं। हालांकि रेलवे ने 2018 में भी इसे हटाने के प्रयास किए थे। जिसके तहत एनजीटी ने अक्टूबर 2018 में आदेश दिया था, जिसके तहत इन झुग्गी बस्तियों को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया था। हालांकि फिर राजनीतिक दखलंदाजी के चलते रेलवे लाइन के आसपास का ये अतिक्रमण अब तक हटाया नहीं जा सका।