भोपाल। सूबे के करीब 1200 से अधिक ऐसे व्यापारी है जिन्होंने टैक्स रिर्टन सहित अन्य व्यापारिक मामलांे में गड़बड़ी कर सरकार को बेबकूफ बनाया है। ऐसे कारोबारियों पर अब वाणिज्यिक कर विभाग ने शिकंजा कसने की शुरूआत की है।
बताया गया है कि ऐसे सैकड़ो व्यापारी है जिन्हों टैक्स रिटर्न के साथ ही ई-वबे बिल, क्रय विक्रय व गलत आइटीसी की है। विभाग ने ऐसे ही व्यापारियों की सूची बनाई है और बकाया टैक्स को जमा करने के लिए कहा है। विभाग इन दिनों जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों के रिटर्न की स्क्रूटनी कर रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि कई व्यापारियों/उद्यमियों ने गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया है या क्रय-विक्रय की राशि को रिटर्न भरते समय नहीं दिखाया या फिर उनके द्वारा माल परिवहन में ई-बे बिल के नियमों का पालन नहीं किया गया है।
साइंटिफिक लिस्ट बनाई
विभाग ने साइंटिफिक जो लिस्ट बनाई है, उसमें सालाना 5 से 50 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारी ज्यादा है। वाणिज्यिक कर विभाग कमिश्नर लोकेश जाटव ने बताया कि रिटर्न फाइल, ई-वे बिल या क्रय-विक्रय में गड़बड़ी होने जैसे मामलों को लेकर विभाग ने जानकारी एकत्र की है। इसमें देखा गया है कि डीलर से त्रुटि हुई है या जानबूझकर गड़बड़ी की है। गलती करने वालों को नोटिस देकर रिकवरी की जाएगी।
कहां कितने प्रकरण सामने आए है
प्रदेश में 12 सौ से अधिक प्रकरण सामने आए हैं जिनमें भोपाल डिवीजन-1 में 197 प्रकरण, भोपाल डिवीजन-2 में 53 प्रकरण, ग्वालियर डिवीजन 2 में 238 प्रकरण, इंदौर डिवीजन-1 में 108 प्रकरण, इंदौर डिवीजन-3 में 177 प्रकरण, सतना डिवीजन में 77 प्रकरण, जबलपुर डिवीजन-1 में 68 प्रकरण, जबलपुर डिवीजन 2 में 39 प्रकरण, छिंदवाड़ा डिवीजन में 46 प्रकरण, इंदौर डिवीजन-2 में 187 प्रकरण, उज्जैन डिवीजन में 42 प्रकरण, सागर डिवीजन में 40 प्रकरण, खंडवा डिवीजन में 30 प्रकरण, ग्वालियर डिवीजन-1 में 59 प्रकरण, रतलाम डिवीजन में 52 प्रकरण मिले हैं।