Indore : 10 जनवरी से देशभर में बुजुर्गों, फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का बूस्टर डोज लगना शुरू हो गया है। ऐसे में इंदौर शहर बूस्टर डोज के वार में फीका पड़ गया। दरअसल, इंदौर में करीब 55 हजार बूस्टर डोज लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन ये पूरा नहीं हो पाया। इंदौर में मात्र 5 हजार लोगों को ही बूस्टर डोज लग सका। बताया जा रहा है कि देर शाम तक सिर्फ 5184 बूस्टर डोज लगे थे। जिनमें से 3758 तो सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर ही शमिल है।
वजह ये है कि लोगों में इस डोज को लेकर उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं बच्चों के टीकाकरण में भी इंदौर जिला लक्ष्य पूरा नहीं कर सका। जानकारी के मुताबिक, 10 जनवरी तक 15 से 18 आयु वर्ग के शत प्रतिशत बच्चों वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था लेकिन नहीं पूरा हो पाया। ऐसे में 35 हजार बच्चे अब तक भी टीका नहीं लगवा पाए है। कहा जा रहा है कि स्कूलों में बनाए गए 68 टीकाकरण केंद्रों पर इक्का-दुक्का बच्चे पहुंचे। बताया जा रहा है कि बुजुर्गों, फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्यकर्मियों को 10 जनवरी से बूस्टर डोज लगना शुरू हुई जिसमें 60 साल से ज्यादा के लोगों को टीका लगाया गया।