मध्य प्रदेश पुलिस ने प्रदेश को एक बार फिर गर्व करने का मौका दिया है। बताया जा रहा है कि साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन में एमपी पुलिस को पूरे देश में नंबर वन माना गया है। दरअसल, गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर ने बेस्ट इन्वेस्टिगेशन के लिए एमपी को पहला नंबर दिया है। इसको लेकर गृह मंत्रालय ने एक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल क्रिप्टो करेंसी रैकेट के खुलासे के लिए एमपी साइबर पुलिस को सबसे बेहतरीन माना गया है।
जानकारी के अनुसार, साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए देशभर में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर का गठन किया था। ऐसे में बीते दिनों एक दिन के लिए ऑनलाइन समिट में सभी राज्यों से दो-दो केस स्टडी साझा करने का निर्देश दिया था। जिसके चलते सभी केस स्टडी को देखने के बाद साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर ने एमपी की साइबर पुलिस को इंटरनेशनल क्रिप्टो करेंसी रैकेट का खुलासा करने के लिए देश में सबसे बेहतरीन माना है।
इसके अलावा कर्नाटक को दूसरा और तेलंगाना को तीसरा स्थान मिला है। गौरतलब है कि साइबर क्राइम जिस तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए एमपी की साइबर क्राइम पुलिस भी तैयारियों में जुटी है। एमपी साइबर क्राइम पुलिस साइबर ठगों से जुड़ी हर जानकारी का डाटाबेस तैयार कर रही है। इसमें आरोपितों द्वारा की गई वारदात का तरीका और उनकी व्यक्तिगत जानकारी का ब्यौरा शामिल किया जा रहा है।
इस केस स्टडी के लिए मिला सम्मान –
जानकारी मिली है कि बीते जुलाई माह में एमपी पुलिस ने एक इंटरनेशनल क्रिप्टो करेंसी रैकेट का भंडाफोड़ किया था। जिसके चलते पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। ऐसे में पुलिस ने बताया था कि आरोपियों ने शैल कंपनियों के जरिए करीब 50 करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम पाकिस्तान भेजी थी।
इसके अलावा भोपाल के एक उद्योगपति के साथ 1 करोड़ रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई। ऐसे में जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने भारतीयों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई हुईं थी। आरोपी धोखाधड़ी से प्राप्त पैसे को इन्हीं शेल कंपनियों के जरिए क्रिप्टो करेंसी में बदलते और फिर इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज की मदद से इस पैसे को पाकिस्तान भेजते थे।