आज है आश्विन कृष्ण चतुर्थी पञ्चमी तिथि, रखें इन बातों का ख्याल

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आज शनिवार, आश्विन कृष्ण चतुर्थी/ पञ्चमी तिथि है। आज भरणी/कृतिका नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-आज पञ्चमी तिथि का श्राद्ध है
-जिन कुंवारों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं है, उनका आज श्राद्ध करना चाहिए। इसीलिए कुमार पञ्चमी कहलाती है।
-जो आग में जलकर मर गए हो या जिनका दाह संस्कार ना हुआ हो, उनके लिए जब ब्राह्मण श्राद्ध का भोजन कर लें, उस समय ब्राह्मण के -आगे उनके जूठन के समीप दक्षिणाग्र कुश बिछाकर परोसने की थाली से बचे अन्न को बिखेर देना चाहिए।
-इससे वे पितृ तृप्त हो जाते हैं। इस क्रिया को विकिरान्न कहते हैं।
-वेद, शास्त्र के ज्ञान से रहित ब्राह्मण को श्राद्ध में आमन्त्रित नहीं करें।
-श्राद्ध कर्ता को श्राद्ध के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। उस दिन दूसरे के यहां भोजन नहीं करना चाहिए।
-गौ और ब्राह्मण ब्रह्मा जी के मस्तिष्क से उत्पन्न हैं, इसीलिए श्राद्ध में गौ और ब्राह्मण का अत्यधिक महत्त्व है।
-श्राद्ध में यदि परिस्थिति वश ब्राह्मणों का भोजन नहीं हो पाता है तो उस दिन पितरों के निमित्त देशी गाय को चारा अवश्य डालें।
-श्राद्ध कर्म करने और ब्राह्मण भोजन का समय प्रातः 11:36 बजे से 12: 24 बजे तक का है।
-इस समय को कुतप वेला कहते हैं। उक्त समय मुख्य रूप से श्राद्ध के लिए प्रशस्त है।

विजय अड़ीचवाल