Guru Dosh: गुरुवार के दिन करें ये उपाय, दूर होगा कुंडली में गुरू दोष

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गुरु की राशि धनु और मीन है। गुरुवार इनका दिन है। गुरुवार की प्रकृति क्षिप्र है। यह दिन ब्रह्मा और बृहस्पति का दिन माना गया है। गुरु के सूर्य, मंगल, चंद्र मित्र ग्रह हैं, शुक्र और बुध शत्रु ग्रह और शनि और राहु सम ग्रह हैं। कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है गुरु। लाल किताब के अनुसार चंद्रमा का साथ मिलने पर बृहस्पति की शक्ति बढ़ जाती है। वहीं मंगल का साथ मिलने पर बृहस्पति की शक्ति दोगुना बढ़ जाती है।

सूर्य ग्रह के साथ से बृहस्पति की मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है तो भगवान विष्णु की उपासना (lord vishnu puja) करके या उन्हें प्रसन्न करके गुरु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है और कुंडली पर पड़ रहे गुरु के प्रभावों को कम या खत्म किया जा सकता है। आइए डालते हैं एक नजर कि गुरुवार के दिन गुरु दोष दूर करने के लिए भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न किया जाए।

vishnu

-अगर आपने किसी को गुरु नहीं बनाया है तो प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करें। गायत्री मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना गया है। प्रतिदिन 108 बार इसका जाप करने से गुरु ही नहीं बल्कि सूर्य भी मजबूत होता है। इससे जीवन की सभी समस्याएं अपने आप दूर हो जाती हैं।

-अगर आप कुंडली में गुरु के दोष को समाप्त करना चाहते हैं तो गुरुवार को स्नान से पहले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। स्नान के बाद ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। इस दिन माथे पर केसर का तिलक अवश्य लगाएं। इसके बाद केले के पेड़ पर जल, दीप और धूप अर्पित कर भगवान विष्णु का आर्शीवाद प्राप्त करें।

-किसी जरूरतमंद बच्चे को किसी मंदिर या वैसे ही किताबे दान में दें। वहीं, किसी जरूरतमंद या गरीब को चने की दाल दान में दें। ऐसा करने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है।

-गुरुवार के दिन पीले हकीक (एक प्रकार का उपरत्न है) की माला से ‘ऊँ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। अगर संभव हो तो रोज अन्यथा गुरुवार के दिन तो इसका जाप जरूर करें। इससे आपके देवगुरु बृहस्पति की कृपा जरूर प्राप्त होगी।

-अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु दोष है तो उस व्यक्ति के सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ ही विष्णु सहस्रनाम का पाठ जरूर करें। इससे अवश्य की आपको फल मिलेगा।