इंदौर के छात्रों को मिलेगा वन संरक्षण का ज्ञान, कॉलेज सिलेबस में शामिल होगी पर्यावरण शिक्षा

Author Picture
By Abhishek SinghPublished On: December 25, 2025

इंदौर में पर्यावरण शिक्षा को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। वर्ष के अंत तक इंदौर विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के छात्रों को जंगल, पेड़-पौधों, दुर्लभ एवं विलुप्तप्राय वनस्पतियों के साथ-साथ वन संपदा और वन प्रबंधन से संबंधित विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। इस प्रस्ताव को राज्य स्तरीय एजुकेशनल कमेटी से मंजूरी मिल चुकी है।

छात्रों और युवाओं को जंगल से जोड़ने की कोशिश

इंदौर वन मंडल ने इस वर्ष आरईटी संरक्षण मॉडल को लागू किया है, जिसका उद्देश्य पारिस्थितिकी असंतुलन और मानवजनित दबाव के चलते लुप्त होती वनस्पतियों का संरक्षण और पुनर्स्थापन करना है। इस पहल के माध्यम से छात्रों और युवाओं को प्रारंभिक शिक्षा काल से ही जंगलों और पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने दी जानकारी

इंदौर के डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने बताया कि दुर्लभ, संकटग्रस्त और विलुप्तप्राय वन प्रजातियों के संरक्षण पर आधारित आरईटी संरक्षण मॉडल को अब कॉलेज स्तर के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए वन विभाग और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं प्राध्यापकों द्वारा लंबे समय से समन्वित प्रयास किए जा रहे थे।

समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी जरूरी

वन विभाग के अनुसार वन्यजीवन और वन संपदा का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। इसी सोच के तहत शैक्षणिक संस्थानों को इस पहल से जोड़ा जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके।