इंदौर के खजराना गणेश, रणजीत हनुमान समेत अन्य मंदिरों का होगा कायाकल्प, Simhastha 2028 के लिए तैयारियां हुई शुरू

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By Abhishek SinghPublished On: December 23, 2025
ranjeet hanuman

सिंहस्थ 2028 के दौरान इंदौर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए शहर के प्रमुख मंदिरों में व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इंदौर के खजराना गणेश मंदिर और रणजीत हनुमान मंदिर में बुनियादी ढांचे और दर्शन व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार किए जाने हैं। जिला कलेक्टर शिवम वर्मा स्वयं इन विकास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और मंदिर समितियों के साथ मिलकर कार्यान्वयन की रूपरेखा तैयार कर चुके हैं।

रणजीत हनुमान मंदिर भव्य लोक

शहर का ऐतिहासिक रणजीत हनुमान मंदिर अब महाकाल लोक की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस रणजीत लोक का कार्य इंदौर स्मार्ट सिटी को सौंपा गया है। विकास योजनाओं के तहत मुख्य मंदिर परिसर को सामने की ओर 40 फीट बढ़ाया जाएगा। मंदिर की छत पर विशेष कशीदाकारी (नक्काशीदार पत्थर) का काम किया जाएगा, जबकि बाउंड्री वॉल पर ‘सुंदरकांड’ के प्रसंगों को चित्रों और कलाकृतियों के माध्यम से उकेरा जाएगा।

मंदिर परिसर में आधुनिक सुविधाओं का समावेश

मंदिर परिसर में अत्याधुनिक पुलिस चौकी, शिशु आहार कक्ष (बेबी फीडिंग रूम), बुजुर्गों के लिए रैंप और विशेष जूता स्टैंड बनाए जाएंगे। पूरे परिसर में ‘डायनेमिक फसाड लाइटिंग’ का इस्तेमाल किया जाएगा, जो विशेष त्योहारों पर रंग बदल सकेगी।

मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया कि रणजीत हनुमान मंदिर 135 वर्ष से अधिक पुराना है और यहाँ न केवल इंदौर बल्कि आस-पास के जिलों से भी श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि लंका विजय के बाद भगवान राम ने स्वयं हनुमान जी को ‘रणजीत’ नाम दिया था।

प्रति घंटे 20,000 श्रद्धालुओं को सुचारू दर्शन का लक्ष्य

भक्तों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए खजराना गणेश मंदिर के गर्भगृह के चांदी के द्वार को दोनों तरफ से 3-3 फीट चौड़ा किया जाएगा। इसके साथ ही सभा मंडप की ऊंचाई को 3 फीट कम किया जाएगा, ताकि पीछे खड़े श्रद्धालु भी भगवान के दर्शन स्पष्ट रूप से कर सकें। मंदिर प्रशासन के अनुसार पीछे के मंगल हॉल को स्थायी रूप से पक्का किया जा रहा है, जिससे भक्त चार लाइनों में एक साथ खड़े होकर दर्शन कर सकेंगे।

इन सुधारों के बाद किसी भी भीड़ के बावजूद भक्त अधिकतम आधे घंटे में दर्शन कर पाएंगे। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. अशोक भट्ट ने बताया कि कलेक्टर और प्रबंध समिति अध्यक्ष शिवम वर्मा, प्रशासक दिलीप यादव और पुजारियों तथा भक्तों की मौजूदगी में इन बदलावों पर निर्णय लिया गया। अधिकारी स्थल का निरीक्षण करने के बाद कार्य की शुरुआत करेंगे। मंदिर समिति का लक्ष्य है कि पीक ऑवर्स के दौरान प्रति घंटे 20,000 से अधिक भक्तों को सुचारू रूप से दर्शन कराया जा सके।