योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, अयोध्या में बनेगा मंदिर संग्रहालय, इन अहम प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

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By Raj RathorePublished On: December 2, 2025
Yogi Cabinet

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए उद्योगों को SGST और स्टांप ड्यूटी में छूट देने का फैसला किया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 20 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक में उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर, खेल और सामाजिक सुधार से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए।

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए बताया कि कुल 21 प्रस्ताव पेश किए गए थे, जिनमें से 20 को मंजूरी मिल गई। निजी अस्पतालों को प्रोत्साहन देने से जुड़ा एक प्रस्ताव पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया गया है।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब उद्योग लगाने वाले कारोबारियों को राज्य जीएसटी (SGST) और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। इस नीति के तहत मेरठ की मेसर्स पसवारा पेपर्स लिमिटेड को ₹65.67 हजार का लाभ दिया गया। इससे पहले कंपनी को ₹1.5 करोड़ का लाभ मिल चुका है। इसके अलावा शाहजहांपुर और मथुरा की एक-एक कंपनी को भी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के तहत लाभ पहुंचाया गया।

बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए कैबिनेट ने चंदौली में एक बड़ी सड़क परियोजना को भी मंजूरी दी। यहां सकलडीहा, चहनियां और सैदपुर होते हुए गाजीपुर को जोड़ने वाली 29.67 किलोमीटर लंबी सड़क को फोरलेन बनाया जाएगा। इस परियोजना पर ₹4.91 अरब की लागत आएगी।

संस्कृति, योग और खेल को प्रोत्साहन

कैबिनेट ने अयोध्या में एक भव्य मंदिर संग्रहालय बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी है। साथ ही, बागपत में पीपीपी मॉडल पर एक अंतरराष्ट्रीय योग व आरोग्य केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए सरकार निशुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी।

खिलाड़ियों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए ‘उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली 2022’ में संशोधन किया गया है। नए नियम के तहत, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण, यात्रा और प्रतियोगिता में लगने वाले समय को ‘ऑन ड्यूटी’ माना जाएगा।

सामाजिक सुधार

बैठक में ‘उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2022’ में भी संशोधन को मंजूरी दी गई। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जेल में किसी भी कैदी के साथ जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो।

इसके अतिरिक्त, शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक अहम नीति लागू की गई है। इसके तहत 2005 और 2014 की इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के तहत रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने का रास्ता साफ होगा। सरकार का मानना है कि इससे न केवल लोगों को उनके घर मिलेंगे बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।