अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण, प्रधानमंत्री मोदी और मोहन भागवत ने राम मंदिर शिखर पर चढ़ाई पवित्र ध्वजा, गूंज उठा पूरा परिसर

Author Picture
By Pinal PatidarPublished On: November 25, 2025

अयोध्या आज एक बार फिर इतिहास रचते हुए नजर आई। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पूरे 673 दिन बीत जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ मिलकर राम मंदिर के भव्य 161 फीट ऊंचे शिखर पर पवित्र ध्वजा आरोहित की। जैसे ही ध्वजा हवा में लहराई, पूरे मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं ने जोरदार आवाज़ में “जय श्री राम” के नारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। यह दृश्य हर किसी के मन में भक्ति और गर्व की लहर पैदा करने वाला था।

पीएम मोदी–भागवत पहली बार रामदरबार में हुए शामिल

प्रधानमंत्री मोदी और मोहन भागवत ने पहली बार एक साथ रामदरबार में मौजूद होकर विधि-विधान से पूजा की। दोनों ने मंदिर में स्थापित सप्तऋषियों के दर्शन किए और परिसर में बने विशाल जलाशय का भी अवलोकन किया। मंदिर की दिव्यता, वातावरण में गूंजते वैदिक मंत्र और चारों तरफ फैली आस्था ने इस पल को और भी पवित्र बना दिया। प्रधानमंत्री ने पूजा के दौरान गहरा ध्यान लगाकर आराधना की, जबकि श्रद्धालु इस पूरे क्षण को मंत्रमुग्ध होकर देखते रहे।

साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक भव्य रोड शो

ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने साकेत कॉलेज से लेकर रामजन्मभूमि परिसर तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा एक भव्य रोड शो किया। हजारों लोग सड़क किनारे खड़े होकर उनका अभिनंदन करते दिखे। स्कूली बच्चों ने वाहन पर फूलों की वर्षा की, जबकि स्थान-स्थान पर महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से तिलक लगाकर और आरती उतारकर उनका स्वागत किया। पूरे मार्ग को रोशनी, रंगोली और पुष्प सजावट से एक उत्सव स्थल जैसा रूप दिया गया था।

अभिजीत मुहूर्त में 2 किलो की केसरिया ध्वजा शिखर पर स्थापित

दोपहर 12:30 बजे जैसे ही शुभ अभिजीत मुहूर्त लगा, प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर 2 किलो वजनी केसरिया ध्वजा को मंदिर के सर्वोच्च शिखर पर स्थापित कराया। यह क्षण राम मंदिर की दृष्टि से अत्यंत विशिष्ट माना जा रहा है क्योंकि ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर की संपूर्णता की घोषणा हो गई। इस पावन समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित लगभग 7 हजार से अधिक विशिष्ट अतिथि और संत-समाज के लोग उपस्थित रहे।

अयोध्या की फूलों से महकती गलियां और मंदिर की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था

इस विशेष अवसर पर अयोध्या नगरी को लगभग 1000 क्विंटल फूलों से सजाया गया। पूरे शहर में मानो फूलों की बारिश हो रही हो—सड़कों, भवनों, मुख्य मार्गों और मंदिर तक हर जगह पुष्प सज्जा की झलक थी। सुरक्षा को देखते हुए पांच-स्तरीय सुरक्षा कवच लागू किया गया है। ATS, NSG, SPG, CRPF और PAC के जवान पूरे क्षेत्र में तैनात हैं। हर गली, हर मार्ग और हर प्रवेश द्वार पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

रामलला का अलौकिक श्रृंगार और स्वर्णमयी ध्वजदंड

सुबह रामलला की विशेष आरती का आयोजन हुआ, जिसमें उन्हें सोने और महीन रेशमी धागों से बने पीतांबर का दिव्य स्वरूप पहनाया गया। इस विशेष दिन के लिए तैयार किया गया ध्वजदंड भी अद्भुत है—इसे 21 किलो शुद्ध सोने से सजाया गया है, और इसकी चमक इतनी प्रखर है कि दावा किया जा रहा है कि यह 4 किलोमीटर दूर से भी दिखाई देगा। मंदिर की वास्तुकला और ध्वज का सौंदर्य मिलकर एक बेहद दिव्य दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे।