उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भस्म आरती दर्शन के दौरान लागू की गई रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) बैंड व्यवस्था को अचानक बंद कर दिया गया है। यह वही सिस्टम था जिसे 15 नवंबर 2024 को बड़े उत्साह के साथ शुरू किया गया था और इसे प्रशासन की पारदर्शिता बढ़ाने वाली एक बड़ी पहल माना गया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मंदिर समिति इसे एक साल भी सही ढंग से नहीं चला पाई। जबकि यही तकनीक भस्म आरती में अनधिकृत प्रवेश और भ्रष्टाचार रोकने में काफी मददगार साबित हुई थी।
पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बीच में ही क्यों रुका, कोई नहीं बता पा रहा
मंदिर प्रशासन ने RFID व्यवस्था शुरू होते ही दावा किया था कि इससे भस्म आरती में फर्जी एंट्री, बिचौलियों की भूमिका और अव्यवस्था पर पूरी तरह लगाम लगेगी। शुरुआती महीनों में इसका सकारात्मक असर भी दिखा—लाइनें व्यवस्थित हुईं, दर्शन में भीड़ कम हुई और अनाधिकृत लोगों की एंट्री पर रोक लगी। इसके बावजूद, पिछले एक माह से यह व्यवस्था बिना किसी आधिकारिक घोषणा के बंद पड़ी है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब व्यवस्था कारगर थी, तो इसे बंद क्यों किया गया? इस पर मंदिर के प्रशासक, उप प्रशासक और सहायक प्रशासक किसी भी प्रकार का स्पष्ट जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं।
महत्वपूर्ण बैठक में डिजिटल सुविधाओं के विस्तार का निर्णय
गुरुवार को श्री महाकाल महालोक के त्रिनेत्र कंट्रोल रूम में मंदिर प्रबंध समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में भक्तों के लिए डिजिटल सुविधाओं को बढ़ाने, सेवाओं को पारदर्शी बनाने और आधुनिक सुविधाओं को तेजी से लागू करने पर चर्चा हुई। जब प्रबंधन भक्तों की सुविधा और तकनीक के विस्तार की बात कर रहा था, तभी ध्यान स्वाभाविक रूप से RFID जैसी सफल व्यवस्था की ओर गया, लेकिन यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उसे बिना वजह बंद कर दिया गया है।
संध्या आरती और शयन आरती में भी लागू होना था RFID सिस्टम
RFID सिस्टम को सिर्फ भस्म आरती तक सीमित नहीं रखना था। यह योजना थी कि इसे प्रोटोकॉल दर्शन, संध्या आरती, और शयन आरती में भी लागू किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या VIP दबाव जैसी स्थितियाँ उत्पन्न न हों। लेकिन सिस्टम बंद होने के बाद यह योजना अधर में लटक गई। मंदिर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को भी अब पूर्व की तरह भीड़ और अव्यवस्था का सामना करना पड़ेगा।
भ्रष्टाचार रोकने वाली तकनीक बंद, सवालों के घेरे में प्रशासन
भस्म आरती में लंबे समय से फर्जी पास, बेकाबू भीड़ और अनाधिकृत प्रवेश की शिकायतें आती रही थीं। RFID बैंड इन सब पर रोक लगाने में प्रभावी साबित हुआ था। लेकिन इसके बंद होते ही शक गहराने लगा है कि कहीं सिस्टम इसलिए बंद तो नहीं किया गया क्योंकि यह कुछ लोगों के हितों पर असर डाल रहा था? भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए बनाई गई व्यवस्था को अचानक रोक देना प्रशासन की नीयत पर भी सवाल खड़े करता है।









