लाड़ली बहनों के लिए बड़ी सौगात, सीएम मोहन यादव का मास्टरस्ट्रोक, बहनों की कमाई अब होगी दोगुनी

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By Pinal PatidarPublished On: November 21, 2025

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश की लगभग 1.26 करोड़ लाड़ली बहनों को आर्थिक रूप से और अधिक सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की तैयारी कर ली है। सरकार अब लाड़ली बहना योजना में बड़े बदलाव करने जा रही है, जिसके तहत महिलाओं को स्वरोज़गार और माइक्रो-बिज़नेस शुरू करने में विशेष रियायतें और अतिरिक्त लाभ दिए जाएंगे। खास बात यह है कि बहनें चाहें तो उन्हें हर महीने मिलने वाली किस्त को एकमुश्त राशि के रूप में भी दिया जा सकता है, ताकि वे उसे किसी बड़े काम या व्यवसाय की शुरुआत में उपयोग कर सकें। सरकार का मानना है कि महिलाओं को सिर्फ मासिक मदद देने के बजाय उन्हें ऐसी सहायता दी जाए, जिससे वे स्वावलंबी बन सकें और स्थायी आर्थिक वृद्धि हासिल कर सकें।

महिला मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति करेगी योजना की समीक्षा

लाड़ली बहना योजना में होने वाले इन परिवर्तनों का आधार महिला मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें होंगी। यह समिति योजना का गहराई से अध्ययन कर यह तय करेगी कि महिलाओं के जीवन स्तर को और बेहतर बनाने के लिए किन सुधारों की आवश्यकता है। समिति की अध्यक्ष महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया होंगी। इसके साथ मंत्री संपत्तिया उइके, कृष्णा गौर, प्रतिमा बागरी और राधा सिंह को भी इसमें शामिल किया गया है। यह टीम राज्य की महिला सशक्तीकरण नीतियों, योजनाओं और उनके असर का विस्तृत विश्लेषण कर नए बदलावों का रोडमैप तैयार करेगी। पिछली कैबिनेट बैठक में इस समिति के गठन पर सहमति पहले ही बन चुकी है।

परिवर्तन के पीछे सरकार का बड़ा आर्थिक लक्ष्य — विज़न डॉक्यूमेंट 2047

मध्य प्रदेश का विज़न डॉक्यूमेंट-2047 बताता है कि सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले दो दशकों में कई गुना बढ़ाना चाहती है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की अर्थव्यवस्था 2029 तक 27.7 लाख करोड़ और 2047 तक 250 लाख करोड़ तक पहुँच जाए। वर्तमान में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय करीब 1.6 लाख रुपए है, जिसे 2029 तक 3 लाख और 2047 तक 22 लाख रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्पष्ट कहना है कि अगर महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तभी राज्य आर्थिक रूप से समृद्ध हो पाएगा। यही वजह है कि सरकार लाड़ली बहना योजना समेत सभी महिला-सशक्तीकरण कार्यक्रमों का व्यापक आकलन कर रही है, ताकि महिलाओं को आने वाले समय में बड़ी आर्थिक भूमिका में लाया जा सके।

लाड़ली बहना योजना में संभावित बड़े बदलाव

नई नीति में कई बड़े और प्रभावी बदलाव देखे जा सकते हैं:
• अभी बहनों को हर महीने 1500 रुपए दिए जाते हैं, लेकिन सरकार चाहती है कि यह राशि किस्तों की जगह एकमुश्त फंड के रूप में दी जाए। इसमें कई महीनों या वर्षों की राशि एक साथ देकर महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में बड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
• योजना में पंजीकरण को दोबारा खोला जा सकता है, ताकि वे महिलाएँ भी इसमें जुड़ सकें जो अभी तक शामिल नहीं हो पाई हैं।
• आने वाले समय में यह योजना सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं बल्कि कमाई बढ़ाने वाले मॉडल में परिवर्तित की जा सकती है, जिससे महिलाएँ मासिक लाभ के मुकाबले ज़्यादा आय खुद अर्जित कर सकें।
• लाड़ली बहनों को अन्य सरकारी योजनाओं में भी अतिरिक्त सब्सिडी, छूट और प्राथमिकता दिए जाने पर विचार किया जा रहा है।
• यदि कोई महिला मासिक राशि की बजाय किसी अन्य सहायता—जैसे व्यवसायिक प्रशिक्षण, कर्ज़ सब्सिडी या अन्य सुविधा चाहती है—और वह इसके लिए पात्र है, तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी।

लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ने का सिलसिला, 1000 से 1500 तक

मार्च 2023 में शुरू हुई इस योजना में शुरुआत में 1.29 करोड़ महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जाते थे। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे 1250 रुपये प्रति माह कर दिया। सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राशि में और 250 रुपए की वृद्धि करते हुए इसे 1500 रुपए प्रति माह कर दिया। नवंबर 2025 में कैबिनेट ने इस वृद्धि को मंजूरी दी, जिसके बाद 1.26 करोड़ बहनों को बढ़ी हुई राशि ट्रांसफर की गई।

अब तक 45 हजार करोड़ से अधिक की सहायता दे चुकी है राज्य सरकार

लाड़ली बहना योजना राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी महिला कल्याण योजनाओं में से एक बन चुकी है। अब तक प्रदेश सरकार इस योजना के तहत 45,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि बहनों को सीधे हस्तांतरित कर चुकी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुमानित खर्च 20,450 करोड़ रुपए के आसपास है, जिसमें से आधी राशि पहले ही खर्च हो चुकी है। नवंबर 2025 से बढ़ा हुआ भुगतान शुरू होने के बाद यह बजट और अधिक बढ़ जाएगा। सरकार हर महीने करीब 1600 करोड़ रुपए सिर्फ लाड़ली बहनों पर खर्च कर रही है।

किस्त 3000 रुपये करने की मांग पर बढ़ी राजनीतिक गर्मी

लाड़ली बहना योजना की राशि को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी जारी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी दावा करते रहे हैं कि भाजपा ने चुनाव में बहनों को 3000 रुपए प्रति माह देने का वादा किया था। भाजपा की ओर से यह कहा जाता रहा कि राशि को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा।
इन आरोपों और जवाबों के बीच, सरकार अब योजना को केवल सहायता राशि तक सीमित रखने की बजाय, इसे आर्थिक उन्नति के बड़े मॉडल में बदलने पर जोर दे रही है।