बाबा रणजीत 12 दिसंबर को नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। सुबह 5 बजे मंदिर से भव्य प्रभातफेरी प्रारंभ होगी, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे। इस वर्ष मंदिर प्रबंधन दो विशेष झांकियों का आयोजन कर रहा है—एक झांकी मंदिर में चल रही धार्मिक गतिविधियों को दर्शाएगी, जबकि दूसरी झांकी रामायण के प्रसंगों को प्रस्तुत करेगी। ये झांकियां प्रभातफेरी के दौरान भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
इस आयोजन को लेकर मंदिर के पुजारी और प्रबंधन समिति के सदस्य पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक करेंगे। चार दिन चलने वाले इस कार्यक्रम की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी प्रभातफेरी भव्यता के साथ आयोजित होगी, जिसमें बाबा रणजीत सुसज्जित रथ पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
प्रभातफेरी का रूट
प्रभातफेरी का मार्ग सुबह 5 बजे मंदिर परिसर से प्रारंभ होगा। यात्रा मंदिर से द्रविड़ नगर चौराहा, महू नाका चौराहा होते हुए अन्नपूर्णा रोड और दशहरा मैदान तक जाएगी। अन्नपूर्णा मंदिर से वापस मुड़कर प्रभातफेरी नरेंद्र तिवारी मार्ग होते हुए पुनः मंदिर परिसर में समाप्त होगी। इस मार्ग की कुल दूरी लगभग 4 किलोमीटर होगी।
प्रभातफेरी को पूरे मार्ग को पूरी तरह से तय करने में लगभग 7 घंटे का समय लगेगा। इस दौरान लगभग 3 लाख श्रद्धालु भाग लेंगे, जिसके बाद 25 हजार भक्तों के लिए हल्के भोजन (स्वल्पाहार) का आयोजन किया जाएगा।
चार दिवसीय आयोजन की शुरुआत
मंदिर के पुजारी पंडित दीपेश व्यास ने बताया कि चार दिवसीय आयोजन 9 दिसंबर से प्रारंभ होगा। इसी दिन कलेक्टर द्वारा ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। 10 दिसंबर को मंदिर में दीपोत्सव और भजनसंध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों दीपक मंदिर परिसर को रोशन करेंगे। भक्त अपनी ओर से घर से लाए गए दीपक भी मंदिर में रखकर आस्था व्यक्त करेंगे।
साथ ही मंदिर परिसर में फूलों की आकर्षक रंगोली सजाई जाएगी और भगवान का भव्य श्रृंगार किया जाएगा। रात 8 बजे भजन संध्या का आयोजन होगा। 11 दिसंबर को बाबा के विग्रह का महाभिषेक संपन्न किया जाएगा और सवा लाख अभिमंत्रित रक्षा सूत्र तैयार किए जाएंगे, जिन्हें प्रभातफेरी के उपरांत श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा। 12 दिसंबर की सुबह 5 बजे मंदिर परिसर से भव्य प्रभातफेरी आरंभ होगी।










