मध्यप्रदेश में बढ़ी ठंड, दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश और बादल छाने के आसार, जानें मौसम विभाग का पूर्वानुमान

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By Pinal PatidarPublished On: October 16, 2025

मध्यप्रदेश में अब मौसम का मिजाज धीरे-धीरे बदलने लगा है। दिन में धूप तो निकल रही है, लेकिन जैसे ही सूरज ढलता है, हवा में ठंडक घुलने लगती है। भोपाल, इंदौर और सागर संभाग में रातें अब ठंडी महसूस होने लगी हैं। तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है, जिससे सुबह और शाम के वक्त हल्की सर्दी का एहसास होने लगा है। हवा में नमी और हल्की ठंड का यह मेल प्रदेश में मौसम के बदलते रुख का संकेत दे रहा है।

दक्षिणी जिलों में बादलों की वापसी, बारिश के आसार


हालांकि मानसून को अलविदा कहे कुछ दिन बीत चुके हैं, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार दक्षिणी मध्यप्रदेश में बारिश की संभावना अभी खत्म नहीं हुई है। खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट जिलों में आज बादल छाए रह सकते हैं और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बारिश मानसूनी नहीं बल्कि स्थानीय सिस्टम की वजह से हो रही है। यानी कि प्रदेश से मानसून विदा हो गया है, लेकिन उसके असर की हल्की गूंज अभी बाकी है।

रात के तापमान में आई तेज गिरावट

प्रदेश के कई हिस्सों में अब रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया जा रहा है। नौगांव और खंडवा में न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस मौसम के लिए काफी कम माना जा रहा है। भोपाल में रात का पारा 20.6°, इंदौर में 18.2°, और ग्वालियर में 18° दर्ज हुआ। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में शुरू हुई बर्फबारी के चलते वहां से चलने वाली ठंडी हवाएं अब मध्यप्रदेश तक पहुंच रही हैं। इसी वजह से यहां की रातें धीरे-धीरे सर्द होती जा रही हैं।

मानसून गया, लेकिन असर बाकी है

इस साल मानसून ने प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी और करीब चार महीने तक सक्रिय रहा। 13 अक्टूबर को इसे आधिकारिक रूप से विदाई दी गई। यानी कुल 3 महीने 28 दिन तक लगातार बरसात का दौर चला। हालांकि अब मानसून चला गया है, फिर भी दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने 16 से 18 अक्टूबर के बीच कहीं-कहीं हल्की वर्षा और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। यानी मौसम पूरी तरह सूखा नहीं पड़ा है, बल्कि हल्की फुहारों के साथ ठंड की शुरुआत हो रही है।

इस साल बारिश का रिकॉर्ड कैसा रहा

अगर पूरे सीजन पर नजर डालें, तो इस बार सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में हुई करीब 65.6 इंच। इसके अलावा मंडला और रायसेन में भी 62 इंच से अधिक वर्षा दर्ज की गई। वहीं, शाजापुर (28.9 इंच), खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार जैसे जिलों में मानसून कमजोर रहा और सामान्य से कम पानी गिरा। इंदौर संभाग में शुरुआत में बारिश की कमी रही, लेकिन सितंबर में हुई झमाझम ने सारा घाटा पूरा कर दिया। हालांकि उज्जैन जिला इस बार भी अपने औसत लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया। दूसरी ओर सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल संभागों में बारिश ने जमकर कहर बरपाया। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के सभी आठ जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में औसत से ज्यादा वर्षा दर्ज की गई।

आगे क्या कहता है मौसम विभाग?

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। दिन हल्के गर्म रहेंगे, लेकिन रातें और भी ठंडी होंगी। दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश के साथ-साथ बिजली गिरने और बादलों की गरज के भी आसार हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों की कटाई के दौरान सावधानी बरतें और मौसम के बदलते हालात पर नजर रखें।