अशोकनगर नगरपालिका में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया लगातार बदलती जा रही है। पिछले दो महीनों में यह तीसरा बदलाव है। पहले कर्मचारी पारंपरिक तरीके से रजिस्टर में हस्ताक्षर कर अपनी हाजिरी दर्ज करते थे। उसके बाद आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाते हुए बायोमेट्रिक मशीन के जरिए थंब इम्प्रेशन से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था शुरू की गई थी। लेकिन अब नगरपालिका प्रशासन ने इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए मोबाइल ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू कर दी है। यानी अब हर कर्मचारी को मोबाइल फोन के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।
अब मोबाइल ऐप से लगेगी हाजिरी
नगरपालिका अशोकनगर में शासन के निर्देश पर आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली (Aadhaar-Based Attendance System) लागू की गई है। इसके तहत हर कर्मचारी को मोबाइल में एक विशेष ऐप इंस्टॉल करना होगा। इसी ऐप के माध्यम से हाजिरी दर्ज की जाएगी। नगरपालिका में कुल 660 कर्मचारी हैं इनमें 206 स्थायी, 160 मस्टर रोल और बाकी संविदा कर्मचारी शामिल हैं। इस प्रणाली को 1 अक्टूबर से ट्रायल मोड में शुरू किया गया था, और अब इसे पूर्ण रूप से अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब कोई भी कर्मचारी बिना ऐप में उपस्थिति दर्ज किए कार्यदिवस का हिस्सा नहीं माना जाएगा।
चेहरे की स्कैनिंग और लोकेशन से होगी उपस्थिति
नई प्रणाली में सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि अब कर्मचारी सिर्फ क्लिक कर उपस्थिति नहीं लगा सकते। उन्हें चेहरा स्कैन कराना होगा, और ऐप स्वतः ही उनकी लोकेशन और समय को दर्ज करेगा। इसका उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और यह पता लगाना है कि कर्मचारी वास्तव में ऑफिस या फील्ड लोकेशन पर मौजूद हैं या नहीं। यह नियम फील्ड कर्मचारियों और ऑफिस स्टाफ दोनों पर लागू होगा। इसके तहत कर्मचारियों को दिन में दो बार हाजिरी लगानी होगी एक बार ऑफिस आने पर और दूसरी बार कार्य समाप्ति के समय।
देर से आने वालों पर लगेगी लगाम
नगरपालिका के सीएमओ विनोद उन्नीतान और अध्यक्ष नीरज मानोरिया ने कई बार कर्मचारियों के देर से आने पर नाराजगी जताई थी। कई बार आकस्मिक निरीक्षणों के दौरान पाया गया कि कर्मचारी समय पर ऑफिस नहीं पहुंचते। अब मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज करने की अनिवार्यता के बाद यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। ऐप में हर कर्मचारी के लॉगइन समय और लोकेशन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग होगी। इस डेटा के आधार पर ही अब वेतन भी तय किया जाएगा। यानी जो कर्मचारी देर से ऑफिस पहुंचेगा या हाजिरी नहीं लगाएगा, उसकी उपस्थिति अधूरी मानी जाएगी।
पारदर्शिता और अनुशासन बढ़ाने की कोशिश
सीएमओ विनोद उन्नीतान का कहना है कि नगरपालिका में लंबे समय से देरी से ऑफिस पहुंचने और उपस्थिति में अनियमितता की शिकायतें मिल रही थीं। इसलिए आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है। यह न केवल उपस्थिति की प्रक्रिया को डिजिटल बनाएगी, बल्कि अनुशासन भी सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने बताया कि मोबाइल ऐप के साथ-साथ ऑफिस में आधार बेस्ड बायोमेट्रिक मशीनें भी लगाई जा रही हैं। यानी कर्मचारी चाहें तो ऐप या मशीन किसी भी माध्यम से उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। इससे प्रणाली और भी अधिक विश्वसनीय हो जाएगी।
कर्मचारियों के लिए नई जिम्मेदारी
नई व्यवस्था से कर्मचारियों को रोजाना समय पर ऑफिस पहुंचना अनिवार्य हो गया है। उन्हें अब “साइन भूल जाने” या “मशीन न चलने” जैसे बहाने नहीं चलेंगे। मोबाइल ऐप में उपस्थिति दर्ज होते ही डेटा सीधे सर्वर पर अपलोड होगा, जिससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ की संभावना खत्म हो जाएगी। नगरपालिका प्रशासन को उम्मीद है कि इस डिजिटल कदम से कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता दोनों बढ़ेंगी, और जनता को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।