इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र में आधी रात को अचानक अफ़रा-तफ़री मच गई। क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया में मंगलवार रात के करीब 1.30 बजे एक केमिकल फैक्ट्री (MPD) में भीषण आग लग गई। आग का काला धुआं इतनी ऊपर तक उठा की करीब 7-8 किलोमीटर की दुरी से भी उसे देखा जा सकता था।
बता दें की इस फैक्ट्री में एक्सप्लोसिव पदार्थ भरे पड़े थे। आग लगने के कारण उसमे ब्लास्ट होना शुरू हो गया, जिस वजह से इस आग ने विशाल रूप ले लिया। फ़िलहाल अभी तक कोई भी जान माल के हानी या किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है। दमकल विभाग की गाड़ियां आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस की टीम आस-पास के रहवासियों को सुरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
महसूस हुए ब्लास्ट के झटके
बताया जा रहा है की जब यह आग लगी तो उस फैक्ट्री में बथेरो गैस सिलिंडर और एक्सप्लोसिव पदार्थ थे, जिस वजह से उसमे ब्लास्ट भी होने लगा। ये ब्लास्ट इतने भयानक थे की करीब 200 से 300 मीटर की दुरी तक घरों में इसके झटके महसूस हुए।
दमकल टीम आग पर काबू पाने का कर रही प्रयास
मौके पर फ़िलहाल 4 से 5 वाटर टैंकों से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन घंटों कोशिश करने के बाद भी आग कम नहीं हुई। फ़िलहाल और भी गाड़ियों को बुलाया गया है।
1984 में भोपाल में भी हुआ था ऐसा हादसा
2-3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से घातक मिथाइल आइसोसायनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ। इस विषैली गैस ने देखते ही देखते हजारों लोगों की जान ले ली और लाखों लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए।
बताया जाता है कि करीब 15,000 से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि लाखों लोग आज भी इसके दुष्प्रभावों से जूझ रहे हैं। यह हादसा न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के इतिहास में सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में से एक माना जाता है।