भले ही मध्य प्रदेश के कई शहरों से मानसून ने टाटा-बाय-बाय कर दिया हो, लेकिन लग रहा है कि बंगाल की खाड़ी में बैठा कोई ‘सिस्टम’ इस विदाई को मानने को तैयार नहीं है! जी हां, मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है, और वो भी ऐसी कि छाते फिर से निकलवाने पड़ रहे हैं!
गुरुवार को हुई हल्की-फुल्की नहीं, बल्कि दमदार बौछारों के बाद, शुक्रवार और शनिवार को तो प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ ज़ोरदार बारिश के पूरे-पूरे आसार हैं. मौसम विभाग का इशारा है कि रीवा, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल और इंदौर संभागों के जिलों में बादलों की ये मेहरबानी कुछ ज़्यादा ही हो सकती है.
गुरुवार का ‘वाटर-रिपोर्ट कार्ड’
अगर गुरुवार की बात करें, तो बादलों ने खूब दिल खोलकर पानी बरसाया. मंडला में तो सबसे ज़्यादा 42 मिलीमीटर पानी टपका, वहीं रीवा में 41 मिलीमीटर और सीधी में 16 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई. बाकी उज्जैन, जबलपुर और उमरिया में भी तीन-तीन मिलीमीटर, सिवनी में दो और नरसिंहपुर में एक मिलीमीटर पानी गिरा.
मौसम वैज्ञानिक वी.एस. यादव बताते हैं कि असल में दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के पास हवा के ऊपरी हिस्से में एक चक्रवात मँडरा रहा है, और यही मौसमी ‘गुंडा’ इस बेमौसम बरसात का ज़िम्मेदार है.
आज इन जिलों में बज सकती है पानी की घंटी
अगर आप भोपाल, इंदौर, जबलपुर या रीवा संभाग के किसी भी ज़िले में हैं, तो आज छाता और रेनकोट तैयार रखिए! शुक्रवार को भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया जिलों** में बारिश की भरपूर संभावना है. इन इलाकों में कहीं मध्यम बूंदाबांदी हो सकती है, तो कहीं तेज़ बौछारें आपका स्वागत कर सकती हैं.
बंगाल की खाड़ी का ‘प्लेन’ है कुछ और…
मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि पिक्चर अभी बाकी है! बंगाल की खाड़ी में भी हवा के ऊपरी भाग में एक और बड़ा चक्रवात सक्रिय है. यह सिस्टम शुक्रवार को दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के तट पर पहुँचकर और मज़बूत हो सकता है. जैसे ही यह ‘अवदाब का क्षेत्र’ बनेगा, वैसे ही प्रदेश में बारिश की रफ़्तार और तेज़ हो जाएगी.