मध्य प्रदेश में दो दिन के ब्रेक के बाद मंगलवार को राजधानी भोपाल में सुबह धूप-छांव के बीच दोपहर बाद तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार अभी बारिश का सिस्टम कमजोर है, लेकिन चार दिन बाद एक नया और मजबूत सिस्टम बनने का अनुमान है।
भोपाल के विभिन्न इलाकों में लगभग ढाई घंटे तक बारिश का क्रम जारी रहा, जिससे सड़कों पर जलभराव हो गया और कई निचले इलाकों में पानी भर गया। इस दौरान लोगों को ट्रैफिक जाम का भी सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग ने बुधवार को मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और बालाघाट जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जबकि अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश का अलर्ट है।
वर्तमान में पाकिस्तान की ओर एक डिप्रेशन बना हुआ है, जो राजस्थान तक एक ट्रफ के रूप में फैला है। इसके साथ ही दक्षिण ओडिशा तट और आंध्र प्रदेश के ऊपर एक ऊपरी हवा का चक्रवात सक्रिय है, जिससे नमी आ रही है और लोकल एक्टिविटी के कारण बादल बनकर बारिश हो रही है।
मौसम विभाग के अनुसार 15 सितंबर के बाद एक नया और स्ट्रांग सिस्टम बनने से पूरे मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर शुरू होगा।
भोपाल में दोपहर से बादल छाने लगे और शहर के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई। नर्मदापुरम रोड, कोलार रोड, एमपी नगर, न्यू मार्केट और पुराने शहर के कई इलाकों में तेज बारिश दर्ज की गई। अरेरा हिल्स मौसम केंद्र में 60 मिमी और बैरागढ़ में 35 मिमी बारिश हुई। बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई, दोपहर 2:30 बजे 30.8 डिग्री सेल्सियस से घटकर शाम 5:30 बजे 24.4 डिग्री सेल्सियस हो गया।
बारिश के कारण शहर में कई जगह जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी। सुभाष नगर अंडरब्रिज में पानी भर गया, जिससे वाहन रांग साइड से निकल रहे थे और लंबा जाम लग गया। मैदामिल रोड और बावड़िया ब्रिज के पास भी जाम की स्थिति बनी रही।
शहर की कई सड़कों पर पानी भरा हुआ था, बाणगंगा चौराहा, व्यापमं चौराहा, हमीदिया रोड सहित कई स्थानों पर जलभराव देखा गया। नए और पुराने शहर की कई कॉलोनियों में भी पानी जमा हुआ था।
शाम को काले घने बादल छाए रहे और बारिश भी जारी रही, जिससे विजिबिलिटी कम होकर शाम 4:30 बजे लगभग 50 मीटर तक पहुंच गई। बाद में यह 1200 मीटर तक बढ़ी।