Hartalika teej: हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। यह व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशहाली का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करती हैं और कठोर उपवास रखकर अपने मन की आस्था व्यक्त करती हैं।
दीपक जलाने का महत्व
शास्त्रों में दीपक जलाना सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। हरतालिका तीज जैसे पावन अवसर पर दीप प्रज्वलन करने से घर में न सिर्फ देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है, बल्कि जीवन से नकारात्मकता भी दूर होती है। यदि इस दिन कुछ खास स्थानों पर दीपक जलाए जाएं, तो परिवार के जीवन में सुख-शांति और बरकत स्थायी रूप से बनी रहती है।
पूजा स्थान पर दीपक
हर घर में एक पूजा स्थान अवश्य होता है जहां भगवान की प्रतिमाएं या तस्वीरें स्थापित रहती हैं। हरतालिका तीज पर सबसे पहले यहीं घी का बड़ा दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी-देवताओं का वास घर में स्थायी रूप से होता है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है।
तुलसी के पौधे के पास दीपक
हिंदू धर्म में तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। हरतालिका तीज पर शाम के समय तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना अत्यंत शुभ फल देता है। मान्यता है कि इससे धन में वृद्धि, घर की बरकत और परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
मुख्य द्वार पर दीपक
घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। हरतालिका तीज के अवसर पर ही नहीं, बल्कि रोजाना शाम को मुख्य द्वार पर दीपक जलाना चाहिए। इससे घर में खुशहाली, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है। कोशिश करें कि दीपक देर तक जलता रहे, क्योंकि यह अंधकार को दूर कर शुभ ऊर्जा को आकर्षित करता है।
रसोई घर में दीपक
रसोई घर को माता अन्नपूर्णा का स्थान माना गया है। हरतालिका तीज के दिन यहां दीपक जलाकर माता अन्नपूर्णा से अन्न और धन की पूर्णता की कामना करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में कभी भी खाने-पीने की कमी नहीं होती और धन-धान्य की बरकत बनी रहती है।
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