मध्य प्रदेश सरकार 15 अगस्त से ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक नई योजना की शुरुआत करने जा रही है। इस महत्वाकांक्षी पहल का नाम ‘एक बगिया मां के नाम’ रखा गया है, जिसका मकसद गांवों की महिलाओं को खेतों की स्वामित्व प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। योजना का फोकस विशेष रूप से स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं पर रहेगा, जिन्हें फलदार पौधे लगाने के माध्यम से आय का स्थायी स्रोत उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के अगले चरण के रूप में लागू की जाएगी।
महिलाओं को मनरेगा से मिलेगा वित्तीय सहारा
एक बगिया मां के नाम’ योजना को मनरेगा के अंतर्गत लागू किया जाएगा। इसके तहत पात्र महिला लाभार्थियों के परिवारों की 0.5 से 1 एकड़ तक की निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाए जाएंगे। योजना की मुख्य शर्तों में शामिल है कि लाभार्थी के पास सिंचाई की सुविधा होनी चाहिए। यदि यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो पहले जल कुंड का निर्माण अनिवार्य होगा। सरकार की ओर से पौधारोपण, फेंसिंग और तीन वर्षों तक रख-रखाव के लिए लगभग 2.85 से 3 लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
योजना के तहत लाभार्थियों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ, दूसरे वर्ष में 42 दिन और तीसरे वर्ष में 35 दिन की मनरेगा के तहत मजदूरी भी दी जाएगी। इस परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक विकासखंड में न्यूनतम 100 एकड़ क्षेत्र में पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कार्यशाला में समझाई गई योजना की रूपरेखा
योजना के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भैरूंदा जनपद पंचायत सभागार में कृषि सखियों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का नेतृत्व जनपद पंचायत सीईओ संजय अग्रवाल और एपीओ शैलेंद्र वर्मा ने किया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य परियोजना से जुड़े सभी पहलुओं की समग्र जानकारी देना था, साथ ही हितग्राहियों के चयन में सावधानी बरतने पर विशेष जोर दिया गया, ताकि योजना का लाभ सही मायनों में पात्र और जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंच सके।
तकनीक के सहारे पारदर्शी व्यवस्था
‘एक बगिया मां के नाम’ योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं का चयन एक विशेष मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तकनीकी रूप से नियंत्रित बनी रहे। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को दीर्घकालिक आय के अवसर प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही, यह योजना पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करेगी। योजना से जुड़े अधिकारियों और कृषि सखियों को निर्देशित किया गया है कि वे अधिक से अधिक योग्य महिलाओं को इस योजना से जोड़ने का कार्य करें। सरकार इस परियोजना के माध्यम से महिलाओं को खेती में सक्रिय भागीदारी का अवसर देकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उन्हें स्थायी आजीविका प्रदान करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।