Ganeshotsav 2021: इस साल 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। 10 सितंबर को घर घर गणपति बप्पा विराजमान होंगे। खास बात ये है कि इस बार बप्पा एक खास संयोग में आ रहे हैं। जो बेहद शुभ माना जा रहा हैं। बता दे, इस बार मंगलकारी त्रिवेणी संयोग बन रहा है इसके साथ ही इस दिन चित्रा-स्वाति नक्षत्र के साथ रवि योग भी रहेगा। ऐसे में घर घर माटी के गणपति विराजित करना बेहद शुभ होगा।
लेकिन इस दिन शुभ कार्यों के लिए अशुभ माने जाने वाली भद्रा भी रहेगी। ऐसे में इसका असर विघ्नहर्ता को विराजित करने में नहीं पड़ेगा। इसके अलावा बात करें इस त्यौहार के उत्सव की तो कोरोना के चलते पिछली बार की तरह भी इस बार गणेशोत्सव के सामूहिक आयोजन पर रोक रहेगी। बता दे, दस दिनी महोत्सव के दौरान विभिन्न तीज-त्यौहार मनाए जाएंगे।
वहीं महाराष्ट्रीयन समाज में जहां तीन दिन के लिए ज्येष्ठा गौरा का आगमन होगा, वहीं दिगंबर जैन समाज के 10 दिनी पर्युषण पर्व भी शुरू होंगे। जैसा कि आप सभी जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी के बाद गणेश उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की शुरुआत 9 सितंबर को रात 2.06 बजे होगी, जो 10 सितंबर को रात 12.02 बजे तक रहेगी।
साथ ही गणेश मूर्ति स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र शाम 4.59 बजे तक रहेगा और इसके बाद स्वाति नक्षत्र लगेगा। वहीं सुबह 5.42 बजे से दोपहर 12.58 बजे तक रवि योग रहेगा। ज्योतिषों के अनुसार, गणेशोत्सव 10 सितंबर से 19 सितंबर अनंत चतुर्दशी तक रहेगा। ऐसे में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना का श्रेष्ठ समय चतुर्थी के दिन मध्याह्नकाल है। साथ ही इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अहितकारी माना गया है। इस दिन चंद्र को देखने वालों पर झूठे आरोप लगते हैं।
ज्योतिष ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर भद्रा सुबह 11.08 बजे से रात 09.57 बजे तक रहेगी। भद्राकाल के समय शुभ कार्य करना अनुचित माना जाता है, हालांकि भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं। इसलिए इनकी स्थापना भद्रा की वजह से बाधित नहीं होती है। भद्रा तीन प्रकार की मानी गई है। चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ राशि में हो तो भद्रा मृत्युलोक और जब मेष, वृषभ, मिथुन और वृश्चिक राशि में हो तो स्वर्ग लोक की होती है। साथ ही जब चंद्रमा कन्या, तुला, धनु, मकर राशि में हो तो भद्रा पाताल लोक की होती है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और ग्यारस पर भद्रा का अशुभ प्रभाव नहीं होता है। इसके चलते गणेश चतुर्थी पर भद्रा का गणेश मूर्ति स्थापना पर असर नहीं होगा।
दस दिनों में आएंगे ये तीज-त्यौहार –
- 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी
- 11 सितंबर को ऋषि पंचमी
- 12 सितंबर को स्कंद षष्टी
- 13 सितंबर को ज्येष्ठा गौरी पूजन
- 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती
- 18 सितंबर को शनि प्रदोष व्रत
- 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी