मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। भारत सरकार और राज्य शासन के सहयोग से रायपुर में बायोटेक्नोलॉजी पार्क परियोजना शुरू की जा रही है। इस परियोजना के पहले चरण में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में एक अत्याधुनिक बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है। इस केंद्र की स्थापना हेतु भारत सरकार, राज्य शासन और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बीच त्रिपक्षीय समझौता किया गया है। परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसायटी को सौंपी गई है।
स्टार्टअप्स और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
इस बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर का प्रमुख उद्देश्य राज्य के जैविक संसाधनों के समुचित उपयोग के साथ-साथ नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करना है। यहां युवाओं को बायोटेक आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा। सेंटर में कुल 23 उन्नत प्रयोगशालाएं विकसित की जाएंगी, जिनमें बीएस-4 स्तर की जैव सुरक्षा सुविधाएं मौजूद रहेंगी। इसके अलावा, दो केंद्रीय उपकरण एवं विश्लेषणात्मक परीक्षण प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएंगी।

स्टार्टअप्स को मिलेगा तीन साल तक कार्य का अवसर
इस इंक्यूबेशन सेंटर में 17 छोटे और मझोले तथा 6 बड़े उद्योगों के संचालन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कुल 23 स्टार्टअप कंपनियों के लिए ऑफिस स्पेस बनाया जाएगा, जहाँ वे अधिकतम तीन वर्षों तक अपने संचालन कार्य कर सकेंगी। कृषि और फार्मा से जुड़ी बायोटेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि इन क्षेत्रों में नवाचार को गति मिल सके।
20.55 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति से मिली रफ्तार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर के निर्माण और फर्निशिंग के लिए 20 करोड़ 55 लाख रुपये की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। सीएम साय की इस दूरदर्शी पहल से छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा। यह परियोजना एक ओर शोध और उद्योगों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेगी, तो दूसरी ओर रोजगार और स्टार्टअप के लिए नए अवसरों का सृजन करेगी। यह पहल न केवल वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य को भी नई दिशा प्रदान करेगी।